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Kolkata Doctor Case Highlights: डॉक्टरों से ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध, SC में दूसरे दिन की सुनवाई पूरी, अब 5 सितंबर को बैठेगी बेंच

आरजी कर मेडिकल कॉलेज, सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ आज, दूसरे दिन, कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस की सुनवाई कर रही है. आज की सुनवाई में इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर बहस होने के आसार हैं, सबसे पहले कि सीबीआई ने अपनी जांच में अब तक क्या पता लगा पाई है यानि सीबीआई को अब तक की हुई जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देना है.

Written by Satyam Kumar |Updated : August 22, 2024 7:10 PM IST

kolkata Doctor Rape-Murder Case: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ आज, दूसरे दिन, कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस की सुनवाई कर रही है. आज की सुनवाई में इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर बहस होने के आसार हैं, सबसे पहले कि सीबीआई ने अपनी जांच में अब तक क्या पता लगा पाई है यानि सीबीआई को अब तक की हुई जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देना है. दूसरा, प्रिसिंपल ने मामले को सुसाइड साबित करने की कोशिश क्यों की? कॉलेज प्रशासन ने शिकायत क्यों दर्ज नहीं कराई? उसके बाद पीड़िता के शव को उसके माता-पिता को क्यों देखने नहीं दिया गया. साथ ही घटना के तीन घंटे के बाद प्राथमिकी (FIR) क्यों दर्ज की गई? इसके अलावे सुप्रीम कोर्ट आज अन्य मेडिकल छात्रों के शिकायतों को भी सुनेंगे, जो इस डॉक्टरों की समस्या से जुड़े हैं.

पिछली सुनवाई में क्या हुआ? FIR तीन घंटे बाद क्यों दर्ज की गई?

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ इस मामले को सुन रही थी. पीठ में जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं. बहस के दौरान घटना को लेकर चर्चा उठी कि पुलिस ने कैसे कार्रवाई की? पीड़िता के शव को माता-पिता को क्यों नहीं देखने दिया गया. गोल-मटोल जवाब मिलने पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने नाराजगी जाहिर की.

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने पूछा: एफआईआर कितने बजे दर्ज की गई थी?

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यहां अदालत ने कॉलेज प्रशासन की ओर कार्रवाई को लेकर जवाब की मांग की. उन्होंने कहा कि घटना पर अस्पताल प्रशासन ने शिकायत नहीं दर्ज कराई है, प्रिसिंपल ने घटना को सुसाइड दिखाने की कोशिश की.

आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल पर बड़े आरोप, डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने किया खुलासा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने ANI को बताया कि संदीप घोष कथित तौर पर बायोमेडिकल वेस्ट, शवों को अवैध तरीके से संभालने, छात्रों को फेल करने और रिश्वत मांगने, अनावश्यक टेंडर देने और अवैध स्टॉल कियोस्क चलाने जैसे घोटालों में शामिल हैं.

पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने आगे बताया कि आज मैंने हाईकोर्ट में एक मामला दर्ज किया है, एक आपराधिक मामला, वह मामला दर्ज हो गया है. मैंने अपनी सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट से भी अपील की है क्योंकि मुझे भी धमकियां मिल रही हैं. और यह एक बहुत बड़ा घोटाला है. संदीप घोष का एक बहुत बड़ा गठजोड़ है जिसका मैं पर्दाफाश करना चाहता हूं."

"बायोमेडिकल वेस्ट, शव, छात्रों को फेल करना, उनसे पैसे लेकर अवैध स्टॉल कियोस्क देना, अनावश्यक टेंडर देना आदि कई घोटाले हैं. ऐसे कई नियम हैं और शव भी उनमें से एक है. इसलिए मैं चाहता हूं कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो और उसे दंडित किया जाए और इस रैकेट का पर्दाफाश किया जाए.

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