नई दिल्ली: कर्नाटक विद्युत विनियामक आयोग (Karnataka Electricity Regulatory Commission) के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने सभी राष्ट्रीय अधिकरणों (National Tribunals) को निर्देश दिया है कि वो छह महीने के अंदर ई-फाइलिंग, ई-अपीयरेन्स और अन्य डिजिटल सेवाओं को लागू करें।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सूरज गोविंदराज ने देश के सभी राष्ट्रीय अधिकरणों को यह निर्देश दिया है कि छह महीनों के अंदर वो ई-सेर्विसेज शुरू करें। उनका कहना है कि ई-फाइलिंग, ई-अपीयरेंड़ और अन्य ऑनलाइन सर्विसेज को जल्द से जल्द लागू करवाया जाना चाहिए। इसके लिए अदालत ने ऑर्डर की तिथि से छह महीने तक का समय दिया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक 'सोलविस एनर्जी इंडिया' (Solvis Energie India) द्वारा केईआरसी (KERC) के खिलाफ याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता का यह कहना है कि एक सोलर पावर जनरेशन प्लांट की स्थापना के दौरान उनका प्रतिवादी से वविवाद हो गया जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटकटाया।
कोर्ट ने याचिका को तो अनुमति दे दी लेकिन प्रतिवादी का यह कहना है कि क्योंकि 'अपेलेट ट्राइब्यूनल ऑफ इलेक्ट्रिसिटी' के समक्ष समाधान का एक विकल्प था, अदालत ने इस मामले की सुनवाई नहीं की। याचिकाकर्ताओं का यह दावा था कि क्योंकि कोविड का समय था और ट्राइब्यूनल में ई-सुविधा नहीं थी, वो दिल्ली जाकर इस समाधान का फायदा नहीं उठा सके।