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जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में VP जगदीप धनखड़ ने CJI Sanjiv Khanna के फैसले की तारीफ की, कहा-ऐसा डिसीजन लेने वाले देश के पहले..

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह स्वतंत्रता के बाद पहली बार है जब भारत के मुख्य न्यायाधीश ने सभी सामग्री सार्वजनिक रूप से साझा की है. सीजेआई के इस फैसले से ज्यूडिशियरी में जनता के विश्वास को बढ़ाने में मदद करेगा

CJI Sanjiv Khanna, VP Jagdeep Dhankhar

Written by Satyam Kumar |Published : March 25, 2025 1:01 PM IST

जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) मामले में वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ ने सीजेआई संजीव खन्ना की भूरी-भूरी प्रशंसा की. जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश के पहले सीजेआई हैं, जिन्होंने जज के खिलाफ जांच में मिली सामग्री देश के सामने रखा है. बता दें कि सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ हुए इन-हाउस प्रोसीडिंग से जुड़ी रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में रखा है.

VP जगदीप धनखड़ ने दी प्रतिक्रिया

बीते दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे के साथ चर्चा करने के बाद ये बातें कही. यह बैठक जस्टिस यशवंत वर्मा के अधिकारिक आवास से कथित तौर पर कैश मिलने से जुड़े मामले पर हुई है, जिसे 21 मार्च को कर्नाटक से राज्यसभा में कांग्रस सांसद जयराम रमेश ने उठाया था. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीजेआई के इस फैसले को अतुलनीय और 'सही दिशा में उठाया गया एक कदम बताया है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस निर्णय से न्यायपालिका और विधायिका की आंतरिक तंत्र की प्रभावशीलता, गति, और जनता का विश्वास बढ़ेगा.

उपराष्ट्रपति ने कहा,

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"न्यायपालिका और विधायिका तब सबसे अच्छा काम करती हैं जब उनकी आंतरिक प्रणाली प्रभावी और तेज होती है. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने पारदर्शी और प्रभावी तरीके से कार्रवाई शुरू की है और सभी उपलब्ध सामग्री को सार्वजनिक रूप से साझा किया है. यह स्वतंत्रता के बाद पहली बार है जब भारत के मुख्य न्यायाधीश ने सभी सामग्री सार्वजनिक रूप से साझा की है. सीजेआई के इस फैसले से ज्यूडिशियरी में जनता के विश्वास को बढ़ाने में मदद करेगा."

बैठक के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सीजेआई द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय कमेटी का फैसला भी उचित है. बताते चलें कि सीजेआई ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया, औरकर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं.