सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश केवी विश्वनाथन ने कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. मामले की सुनवाई से अलग होते हुए जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि वह पहले इस मामले में वकील के तौर पर पेश हुए थे. सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि वह 10 फरवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में मामलों की सुनवाई के लिए 3 न्यायाधीशों की पीठ का पुनर्गठन करेंगे. बता दें कि यह मामला 2014 से जुड़ा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से 2010 के बीच केन्द्र द्वारा आवंटित 214 कोयला ब्लॉक को रद्द किया था. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले से जुड़ी किसी तरह की मांग को लेकर केवल सुप्रीम कोर्ट में ही याचिका दायर की जा सकती है. इस फैसले में हाईकोर्ट और निचली अदालत को मामले दर्ज करने पर रोक लगा दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट अपने इसी आदेश को संशोधित करने की मांगवाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
कोयला घोटाले मामले से जुड़ी इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के उन पूर्व आदेशों में संशोधन की मांग की गई है, जिनमें हाई कोर्ट के कथित अवैध कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित आपराधिक मामलों में पारित निचली अदालत के आदेशों के खिलाफ अपील लेने से रोक दिया गया था.
पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस संजीव खन्ना कर रहे थे जिसमें जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस संजय कुमार शामिल थे. चीफ जस्टिस ने कहा कि वह 10 फरवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में मामलों में सुनवाई के लिए इस मामले में तीन जजों की नई पीठ का पुनर्गठन करेंगे. पीठ ने अपील की गुंजाइश और उच्च न्यायालयों को इन मामलों की सुनवाई करने से रोकने वाले पहले के आदेशों की उपयोगिता पर विचार-विमर्श करेगी.
आदेश के अनुसार,
‘‘रजिस्ट्री उन सभी मामलों का संकलन तैयार करेगी, जहां 2014 और 2017 में इस न्यायालय के निर्णयों के अनुसार विशेष अनुमति याचिकाएं (SLP) दायर की गई हैं…’’
साथ ही इसमें कहा गया है कि नई पीठ में न्यायमूर्ति विश्वनाथन शामिल नहीं होंगे और इसका गठन 10 फरवरी, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में किया जाएगा.