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'काश हमारे पास भी PR होता', फैसले को लेकर जजों के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने पर जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा का छलका दर्द

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने दुख जताते हुए कहा कि हम, जजों के पास कोई पीआर कंपनी नहीं होती है, जो हमारे फैसले के खिलाफ चल रही दुष्प्रचारों पर रोक लगा सकें.

Written by Satyam Kumar |Published : May 23, 2024 5:32 PM IST

Justice Swarna Kanta Sharma: दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ईडी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. ईडी की वर्तमान याचिका ट्रायल कोर्ट में एक जज से लेकर दूसरे जज के पास ट्रांसफर पर रोक लगाने को लेकर है, जिसमें जज पर आरोप लगा कि, उन्होंने भूषण स्टील से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई के बाद यह टिप्पणी किया कि 'ईडी के मामले में कौन-सी बेल होती है?' इसी सुनवाई के दौरान जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने भी अपनी चिंता जाहिर की.

काश हमारे पास भी PR सेवा होती!

दिल्ली हाईकोर्ट में, जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ईडी की मांग वाली याचिका को सुन रही थी. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने दुख जताते हुए कहा कि हम, जजों के पास कोई जनसंपर्क (Public Relations) सेवा नहीं होती है, जो हमारे फैसले के खिलाफ चल रही दुष्प्रचारों पर रोक लगा सकें.

जस्टिस ने कहा,

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"मैं चाहती हूं कि कोई जज के अधिकारों के बारे में भी बात करें... यह एक नया मुद्दा है. जजों के पास पीआर कार्यालय नहीं हैं कि कोई भी विरूद्ध बात करेगा, तो वे उनके छवि को साफ रखने की कोशिश करेंगे."

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने किसी जज के पास से केस ट्रांसफर करने की मांग का असर उस जज पर भी होता है और इसका प्रभाव जिला न्यायपालिका पर भी पड़ेगा है.

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने मामले में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन जल्द ही मामले में वे अपना विस्तृत फैसला सुनाएगी.

जस्टिस ने क्यों कहा ऐसा?

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा, दिल्ली हाईकोर्ट में शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले को सुन रही है. जस्टिस ने शराब नीति घोटाले मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी आप नेता को राहत नहीं दी है, जिससे लोग उनके बारे में कई-कई अफवाह और धारणाएं बना रहे हैं. जस्टिस नेकई मौकों पर इन बातों से नाराजगी भी जताई है.