नई दिल्ली: मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने हाल ही में तमिल नाडु सरकार (Tamil Nadu Government) की दो अधिसूचनाओं को इसलिए खारिज किया है क्योंकि उन्हें बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने कुछ समय पहले असंवैधानिक करार दिया था।
जैसा कि हमने आपको अभी बताया, बंबई उच्च न्यायालय ने कुछ केंद्रीय कानून को असंवैधानिक बताया था और अब उसी आधार पर मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार की दो अधिसूचनाओं को खारिज कर दिया है जो उन कानूनों पर आधारित थीं।
मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर सुब्रमनियन (Justice R Subramanian) और न्यायाधीश एल विक्टोरिया गौरी (Justice L Victoria Gowri) की मदुरई पीठ ने यह कहा है कि यदि किसी केंद्रीय कानून या नियम को देश का कोई भी उच्च न्यायालय असंवैधानिक बताता है, तो वो सिर्फ उस उच्च न्यायालय के आधारक्षेत्र में नहीं बल्कि पूरे देश में अमान्य माना जाएगा; इसका मान सभी हाईकोर्ट्स करेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन अधिसूचनाओं को सरकार ने जुलाई, 2022 में जारी किया था और इसके तहत जिला और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (District and State Consumer Disputes Redressal Commission) में नियुक्ति के लिए योगत उम्मीदवारों से आवेदन-पत्र मांगे थे।
ये अधिसूचनाएं केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित 'उपभोक्ता संरक्षण (नियुक्ति के लिए योग्यता, भर्ती की विधि, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यालय की अवधि, राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्य का इस्तीफा और निष्कासन) नियम, 2020' (Consumer Protection (Qualification for Appointment, Method of recruitment, Procedure of Appointment, Term of Office, Resignation and Removal of President and Member of the State Commission and District Commission) Rules, 2020) पर आधारित थीं।
इन नियमों को बंबई उच्च न्यायालय ने सितंबर, 2021 में असंवैधानिक बताया था और उनके इस जजमेंट को मार्च, 2023 में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा भी कन्फर्म किया गया था।