प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Premises) के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee) की अपील पर बुधवार को सुनवाई शुरू कर दी है।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर 21 जुलाई के वाराणसी जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल यानी 27 जुलाई, 2023 तक के लिए ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर रोक लगा दी है। अदालत में कल दोपहर 3:30 बजे फिर सुनवाई शुरू होगी।
ASI को कोर्ट ने निर्देश दिया कि आप एफिडेविट दाखिल करें कि ज्ञानवापी विवादित परिसर के सर्वे के दौरान कोई नुकसान नहीं पहुचाएंगे। साथ ही ये कहा कि ये शपथपत्र आज ही सुनवाई के दौरान दिया जाए। जानकारी के अनुसार, वाराणसी से ASI की टीम इस शपथपत्र को कोर्ट में प्रस्तुर करने हेतु रवाना हो चुकी है।
बता दें कि ASI कोर्ट में GPR तकनीक का डेमो कर सकती है जिसके जरिये वह परिसर का सर्वे करेगी. फिलहाल लंच ब्रेक हुआ है, अब सुनवाई शाम 4:30 बजे फिर से शुरू होगी।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता के वकील एसएफए नकवी ने विभिन्न आधार पर 21 जुलाई का आदेश रद्द करने का अदालत से अनुरोध किया है।
उनकी दलील है कि जिला अदालत ने जल्दबाजी में एएसआई को सर्वेक्षण करने का आदेश दिया और चार अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा। निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को इस आदेश को चुनौती देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया।
वहीं दूसरी ओर, प्रतिवादी पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की दलील है कि राम मंदिर मामले में एएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया गया और इसे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकार किया गया। इसलिए, निचली अदालत द्वारा पारित आदेश सही है।
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी प्रबंधन कमेटी को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एएसआई के सर्वेक्षण पर 26 जुलाई को शाम पांच बजे तक रोक लगा दी थी। इससे पूर्व, वाराणसी की अदालत ने शुक्रवार को एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था।