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Gyanvapi Mosque: मस्जिद में मिले कथित 'शिव लिंग' पर टिप्पणी मामले में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी को कोर्ट का नोटिस

याचिका में कहा गया है कि दोनो नेताओं ने हिंदू धर्म की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. इसलिए दोनो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाना चाहिए.

Written by Nizam Kantaliya |Published : March 28, 2023 9:07 AM IST

नई दिल्ली: वाराणसी की अदालत ने Gyanvapi Mosque में मिले कथित 'शिव लिंग' पर टिप्पणी करने के मामले में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष Akhilesh Yadav और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख Asaduddin Owaisi के खिलाफ नोटिस जारी किया है.

यह आदेश दोनो नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली एक पुनरीक्षण याचिका पर जारी किया गया है. इस मामले में पूर्व में दायर अधिवक्ता हरि शंकर पांडे की याचिका को 15 नवंबर को अदालत खारिज कर चुकी है. जिसमें अदालत ने कहा था कि दोनो नेताओं के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है. इस आदेश के खिलाफ हरिशंकर पांडे ने पुनरीक्षण याचिका दायर करते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया.

धार्मिक भावनाओं को आहत

याचिका में कहा गया है कि दोनो नेताओं ने हिंदू धर्म की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. इसलिए दोनो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाना चाहिए.

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साथ ही कहा गया कि दोनों नेता ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कथित तौर पर मिले 'शिव लिंग' के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत कर वाराणसी के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं

पांडेय ने तर्क दिया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले पर कोई टिप्पणी नहीं किए जाने के बावजूद ये नेता वोट के लिए लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

अदालत ने पुर्नरीक्षण याचिका पर सुनवाई के बाद दोनो नेताओं को नोटिस जारी करते हुए पुछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी जाए.