Advertisement

'Court Order का समय से पालन करें', 1.50 लाख अवमानना मामले लंबित होने पर Law Ministry की सरकारी अधिकारियों को निर्देश

कानून मंत्रालय ने समय पर और पर्याप्त जवाब देने के लिए निर्देश जारी किए हैं ताकि ऐसी कार्यवाहियों को रोका जा सके. इसमें अदालती आदेशों का समय पर पालन सुनिश्चित करने के लिए तंत्र को मजबूत करना शामिल है.

Law Ministry

Written by Satyam Kumar |Published : April 28, 2025 1:17 PM IST

हम अक्सर देखते-पढ़ते या सुनते होंगे कि अदालत ने आदेशों का पालन कराने के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी देती है. भले ही वह दिल्ली में पेड़ो की कटाई का मामला है या ग्रैप-4 लागू होने के दौरान मजदूरों को पैसा देने का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से आदेशों के पालन के लिए अदालत के अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

केन्द्र के खिलाफ 1.50 लाख अवमानना के मामले

केन्द्र सरकार के खिलाफ 1.50 लाख अवमानना के मामले लंबित है. अदालत की अवमानना के वे मामले जिसमें सरकारी कर्मचारियों ने अदालत के आदेशों के पालन करने में असफल रहे. इन मामलों को देखते हुए, कानून मंत्रालय ने अन्य केंद्रीय मंत्रालयों से अदालत के आदेशों का समय पर और पर्याप्त जवाब देने की अपील की है. कानून मंत्रालय ने यह भी कहा कि कई मंत्रालयों में मुकदमे का प्रबंधन करने वाले अधिकारी कानून के क्षेत्र में योग्य नहीं होते हैं. इस कमी के कारण कानूनी प्रावधानों की समझ में कमी आती है, परिणामस्वरूप न्यायिक निर्देशों का जवाब देने में देरी होती है.

मंत्रालयों में लीगल सेल की कमी

कानून मंत्रालय के 'सरकारी मुकदमे के प्रभावी प्रबंधन के लिए निर्देश' में कहा गया है कि मंत्रालयों की मुकदमे प्रबंधन की क्षमता संसाधनों की कमी के कारण सीमित है. अधिकांश मंत्रालयों में समर्पित कानूनी सेल ही नहीं हैं, और ये मामले आमतौर पर प्रशासनिक या तकनीकी विभागों द्वारा संभाले जाते हैं. मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि समय पर और पर्याप्त जवाबों को सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और समन्वय तंत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है जिससे अवमानना कार्यवाहियों को रोका जा सकेगा.

Also Read

More News

नोडल अधिकारी नियुक्त करने को निर्देश

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में कहा कि अदालत के आदेशों का कार्यान्वयन संबंधित प्रशासनिक मंत्रालयों और विभागों की जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार ने अदालत के मामलों को कम करने के लिए मंत्रालयों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है. यह अधिकारी सामान्यतः संयुक्त सचिव के रैंक से कम नहीं होना चाहिए और उसे कानूनी विशेषज्ञता होनी चाहिए.