वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लेकर लग रही अटकलों को खारिज करने की शुरूआत कर दी है. साथ ही अपने पिटारे से बड़े सौगतों की बौछार करनी शुरू कर दी है. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) खोलने की बात कही हैं, जो कंपनीज के दिवालिया प्रक्रिया से जुड़ी है. वित्त मंत्री ने बताया कि देश भर में IBC के अनुसार देश भर में NCLT खोले जाएंगे, जो IBC और प्रभावशाली बनाने में मददगार साबित होंगी.
IBC का फुल फॉर्म होता है Insolvency And Bankrupcy Code. भारत सरकार द्वारा लाए गए इस कानून का उद्देश्य कंपनियों की दिवालियापन की प्रक्रियाओं को प्रभावी बनाना है. साथ ही दिवालियापन की प्रक्रिया में शामिल पक्षों कि हितों की रक्षा करना है, जिनमें लेनदार, देनदार और कर्मचारी आदि शामिल है. IBC कंपनीज के दिवालिया प्रक्रिया को 180 दिन में पूरी करने की बात कहता है. इसके अनुसार इस प्रक्रिया में अगर जरूरत पड़ी तो केवल एक बार सिर्फ 90 दिनों के लिए इस प्रक्रिया की अवधि बढ़ाई जा सकती है.
वित्त मंत्री ने IBC के तहत और NCLT खोले जाने की बात कहीं है, जो न्यायिक क्षेत्र के लिहाज से एक बड़ी सौगात है. साथ ही इस फैसले का बहुआयामी प्रभाव है. NCLT दिवालिया कानून के लंबित मामलों को पूरा करने में प्रभावी होगी. साथ ही कानून क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करेंगे.
IBC के नियमों के अनुसार, दिवालिया प्रक्रिया को पूरी करने में केवल 180 दिन में पूरी करनी है. IBC को बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को बकाया ऋण वसूली अधिनियम, 1993 और सिक इंडस्ट्रियल कंपनीज (स्पेशल प्रोवीजन) अधिनियम की जगह लाया गया था. हालांकि कानून के प्रभावी रूप से संचालन के लिए नेशनल कंपनीज लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की जरूरत थी, जिसे बनाने को लेकर वित्त मंत्री ने मंजूरी देने की बात कही है.