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Fake Job Agencies को लेकर Allahabad High Court ने जताई चिंता, कहा-मशरूम की तरह उग रहे हैं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मशरूम की तरह फल-फूल रही फेक जॉब एजेंशियों को लेकर चिंता जताई हैं. उच्च न्यायालय ने ऐसे ही एक मामले में पैसे लेकर सरकारी नौकरी दिलाने का दावा करने वाले शख्स को जमानत देने से इंकार किया है.

Written by My Lord Team |Published : April 5, 2024 4:08 PM IST

Fake Job Agencies: देश भर में सरकारी नौकरी (Government Job) दिलाने के नाम पर बढ़ रही फेक जॉब एजेंशियों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने चिंता जताई है. उच्च न्यायालय ने मशरूम की तरह फल-फूल रही फेक जॉब एजेंशियों (Fake Job Agencies) के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहीं हैं. अदालत ने कहा, ये जॉब एजेंशियां युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के बड़े-बड़े दावे करते हैं, उनसे बड़ी रकम ऐंठतें हैं और पैसे निकलते ही ये कंपनियां रातों-रात गायब भी हो जाती हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये बातें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी हिमांशु कनौजिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं. न्यायालय ने कनौजिया को जमानत देने से इंकार किया है.

Allahabad HC ने नहीं दी जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस मंजू रानी चौहान की सिंगल बेंच के सामने इस मामले पेश किया गया. जस्टिस ने कहा, देश भर में नौकरी देने के नाम पर झूठी एजेंशियां फैल रही है, .युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रही हैं. साथ ही ठगी करने के बाद ये कंपनियां रातों-रात गायब भी हो जाती हैं. इन कंपनियों से सख्ती से निपटने की जरूरत हैं. 

जस्टिस ने कहा,

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"..हर व्यक्ति 'बेरोजगारी' से बचने के लिए अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है. रोजगार की इस अथक खोज में कुछ वर्गों/व्यक्तियों द्वारा युवाओं का फायदा उठाया जाता है,”

उच्च न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आवेदक हिमांशु कनौजिया को बेल देने से मना कर दिया है.

क्या है मामला?

आवेदनकर्ता हिमांशु कनौजिया पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 5,60,000 रूपये की ठगी की है. कुल पैसे में से उसने 1,60,000 रूपये उसने अपने बैंक खाते में, तो वहीं 4,00,000 रूपये कैश लिया हैं. FIR के अनुसार, हिमांशु कनौजिया ने व्यक्ति को झूठा अप्वाइंटमेंट लेटर भी दिया था. कनौजिया के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से किसी व्यक्ति की संपत्ति लेना), 467 (डॉक्यूमेंटस की जालसाजी, जैसे-गलत वसीयत बनाना आदि), 468 (गलत डॉक्यूमेंटस बनाकर धोखा देना), 471 (गलत डॉक्यूमेंटस को असली के रूप में प्रयोग करने पर) के तहत मामला दर्ज किया गया है.