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बीजेपी सांसद Nishikant Dubey के खिलाफ अदालत की अवमानना चलाने की मांग, अटॉर्नी जनरल को लिखी चिट्ठी

अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेंकटरमण से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाने के लिए लिखे पत्र में अधिवक्ता अनस तनवीर ने कहा कि दुबे की टिप्पणी ‘बेहद अपमानजनक और खतरनाक रूप से भड़काऊ’ है.

Supreme Court, BJP MP Nishikant Dubey

Written by Satyam Kumar |Published : April 20, 2025 11:38 PM IST

वक्फ अधिनियम मामले में एक वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता ने अटॉर्नी जनरल (एजी) आर वेंकटरमण को पत्र लिखकर शीर्ष अदालत की गरिमा को घटाने की मंशा से की गयी टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की इजाजत मांगी है. बता दें कि लोकसभा में चौथी बार अपने संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे दुबे निचले सदन में पार्टी के सबसे मुखर सदस्यों में से एक हैं. बीजेपी सांसद ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए पहले कहा था कि अगर शीर्ष अदालत को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर निशाना साधते हुए उन्हें देश में ‘गृहयुद्ध’ के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

BJP MP के खिलाफ अदालत की अवमानना

अटॉर्नी जनरल को लिखे पत्र में अधिवक्ता अनस तनवीर ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी ‘बेहद अपमानजनक और खतरनाक रूप से भड़काऊ’ है.

एडवोकेट ने पत्र में लिखा,

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‘‘मैं यह पत्र अदालत की अवमानना ​​अधिनियम, 1971 की धारा 15(1)(बी) तथा सुप्रीम कोर्ट अवमानना कार्यवाही विनियम नियमावली, 1975 के नियम 3(सी) के तहत झारखंड के गोड्डा संसदीय क्षेत्र से माननीय लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने के लिए आपकी सहमति विनम्रतापूर्वक मांगने के लिए लिख रहा हूं, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐसे बयान दिए हैं जो बेहद निंदनीय, गुमराहपूर्ण हैं और उसका उद्देश्य भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट की गरिमा और अधिकार को कम करना है.’’

दुबे की टिप्पणी केंद्र द्वारा अदालत को दिए गए इस आश्वासन के बाद आई है कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कुछ विवादास्पद प्रावधानों को अगली सुनवाई तक लागू नहीं करेगा, क्योंकि अदालत ने उन पर सवाल उठाए थे.

BJP ने बयान से किया किनारा

भाजपा ने शनिवार को दुबे द्वारा की गई सुप्रीम कोर्ट की आलोचना से खुद को अलग कर लिया. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उनके बयान को उनका निजी विचार बताया. उन्होंने लोकतंत्र के अभिन्न अंग के रूप में न्यायपालिका के प्रति सत्तारूढ़ पार्टी के सम्मान की भी पुष्टि की. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को इस तरह की टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है.

जेपी नड्डा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,

‘‘भाजपा का उसके सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका और प्रधान न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है. ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं, लेकिन भाजपा न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है। भाजपा इन्हें पूरी तरह से खारिज करती है.’’

नड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं और अन्य लोगों को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और उसके सुझावों एवं आदेशों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक दल के तौर पर उसका मानना ​​है कि शीर्ष अदालत समेत सभी अदालतें लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वे संविधान की रक्षा के एक मजबूत स्तंभ हैं.

(खबर पीटीआई इनपुट से है)