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'गाली-गलौज अदालत में स्वीकार्य नहीं', वैवाहिक विवाद मामले Delhi HC ने पति पर लगाया एक लाख रुपये का जुर्माना, जानें क्या हुआ था...

Delhi HC ने एक पति पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए यह टिप्पणी की. यह राशि उसे अलग रह रही अपनी पत्नी को देनी होगी.

दिल्ली हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : April 10, 2025 8:24 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि वकीलों को अपने मुवक्किलों को वैवाहिक विवाद सुलझाने की सलाह देनी चाहिए, न कि उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप करने और इसे ‘हवा’ देने का मशविरा देना चाहिए. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि वैवाहिक विवादों में वादियों-प्रतिवादियों को भावनात्मक आघात का सामना करना पड़ता है, उनके निजी जीवन में ठहराव सा आ जाता है. पीठ ने कहा कि वह वादियों-प्रतिवादियों की हताशा और निराशा से अवगत है. पीठ ने कहा कि यद्यपि शांति और सौहार्द अत्यंत आवश्यक है और ऐसे मामलों में वादी पक्षकारों का आचरण कानून में निर्धारित सीमाओं को पार नहीं कर सकता. हाई कोर्ट ने सात अप्रैल को पारित आदेश में कहा कि ऐसे मामलों में वकीलों की न केवल अपने मुवक्किल के प्रति बल्कि अदालत और समाज के प्रति भी बड़ी जिम्मेदारी होती है. शांति और सौहार्द अत्यंत आवश्यक है. वकीलों को मुवक्किलों को एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाने और उन्हें बढ़ावा देने के बजाय विवादों के समाधान की सलाह देनी चाहिए.

पत्नी के वकील को गाली देने का मामला

अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में आरोपों को बेहद व्यक्तिगत रूप से लिया जा सकता है, जिसके कारण मुवक्किल दूसरे पक्ष के वकीलों के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं, हालांकि इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. अंत में, ऐसे मामलों में पक्षकारों का आचरण कानून में निर्धारित सीमाओं से परे नहीं जा सकता. पीठ ने एक पति पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए यह टिप्पणी की. यह राशि उसे अलग रह रही अपनी पत्नी को देनी होगी. यह जुर्माना उसके दुर्व्यवहार के लिए कुटुंब अदालत में लगाया गया था. इस दुर्व्यवहार में पत्नी के वकील के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल भी शामिल था.

पति के खिलाफ आपराधिक अवमानना की ​​कार्यवाही शुरू करने की महिला की याचिका पर विचार करते हुए और उसे (पति को) छह महीने की जेल की सजा सुनाते हुए पीठ ने कहा कि हालांकि उच्च न्यायालय और कुटुंब अदालतों में कार्यवाही के दौरान कई घटनाएं हुई हैं, लेकिन उसे (पति को) सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता. ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ परिस्थितियों ने उसे ऐसा व्यवहार करने के लिए उकसाया. अदालत ने कहा कि अगर पत्नी के वकील के खिलाफ कोई आरोप थे तो पति को उचित कार्रवाई करनी चाहिए थी.

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Delhi HC ने लगाया जुर्माना

अदालत ने यह भी कहा कि अदालत में गाली-गलौज करना स्वीकार्य नहीं होगा. पति ने जुलाई 2024 में कथित तौर पर कुटुंब अदालत में वकील के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि उसने न केवल पत्नी के वकील के खिलाफ, बल्कि संबंधित न्यायाधीश के खिलाफ भी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करके शर्मसार किया था. अदालत ने कहा कि वैवाहिक विवाद दोनों पक्षों के वकीलों के बीच खतरनाक झगड़े में बदल गया. मामले की पृष्ठभूमि, पति द्वारा व्यक्त किए गए पश्चाताप और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उसके पिता बीमार हैं, अदालत ने पति को फटकार लगाई और उसे पत्नी के वकील से मौखिक माफ़ी मांगने का निर्देश दिया.

अदालत ने निर्देश दिया कि नसीहत और माफ़ी के अलावा, प्रतिवादी (पति) याचिकाकर्ता (पत्नी) को एक लाख रुपये का खर्च भी अदा करेगा. अदालत ने उसे अपने नाबालिग बच्चों के भरण-पोषण और स्कूल की फीस का भुगतान जारी रखने का भी आदेश दिया.