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Delhi High Court: DU छात्र संघ में चुनाव में महिलाओं को मिले आरक्षण, मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

डीयू छात्र संघ चुनाव में महिला आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. याचिका में दावा किया कि लैंगिक समानता व छात्राओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर कुछ सीटों को छात्राओं के लिए आरक्षित करने की जरूरत है.

Written by Satyam Kumar |Updated : September 11, 2024 12:41 PM IST

Delhi High Court: डीयू छात्र संघ चुनाव में महिला आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 27 सितंबर को होना है. याचिका में दावा किया कि लैंगिक समानता व छात्राओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर कुछ सीटों को छात्राओं के लिए आरक्षित करने की जरूरत है. दिल्ली हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ आज, बुधवार को, मामले की सुनवाई करेगी.

लैंगिक समानत सुनिश्चित करने के लिए छात्राओं के लिए आरक्षित हो सीट, मांग को लेकर दिल्ली HC में याचिका

दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका में केंद्र सरकार, यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (डीयूएसयू) और कॉलेज छात्र संघ चुनावों में छात्राओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाल ही में संसद द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत राज्य विधानसभा और संसद चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण पारित किए जाने के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए अपने छात्र चुनावों में छात्राओं के लिए समान प्रतिनिधित्व और भागीदारी सुनिश्चित करना समय की मांग है. याचिका में छात्र प्रशासन में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त महिला आरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इसमें आगे कहा गया है कि हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव के संबंध में अधिसूचना जारी की गई, जिसके बाद नामांकन प्रक्रिया 17 सितंबर, 2024 को शुरू होने वाली है और चुनाव की तारीख 27 सितंबर, 2024 तय की गई है.

याचिकाकर्ता शबाना ने आगे बताया कि वह पिछले दो सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनावों में महिला आरक्षण की वकालत कर रही हैं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि छात्र संघ चुनाव में धन और बाहुबल का बहुत अधिक प्रभाव होता है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं की भागीदारी बहुत कम होती है। इन चिंताओं के मद्देनजर, उन्होंने आगामी छात्र संघ चुनावों में आरक्षण के माध्यम से महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए आदेश की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

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