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'पढ़े-लिखे की जगह 'अनपढ़' की तरह बर्ताव कर रहे हो', नियमों की अनदेखी पर दिल्ली HC ने छात्रों को फटकारा

दिल्ली हाईकोर्ट (सांकेतिक चित्र पीटीआई)

दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर छात्र नेताओं के रवैये से आपत्ति जताते हुए कहा कि छात्र पढ़े लिखे की जगह अनपढ़ों की तरह व्यवहार कर रहे हैं.

Written by Satyam Kumar |Published : September 26, 2024 1:14 PM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव होना है.नामांकन हो चुके है और छात्र नेता अपनी दावेदारी साबित करने को लेकर खूब जमकर प्रचार कर रहे हैं. चुनाव प्रचार में जमकर पोस्टर-बैनर के बाढ़ आने पर हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर कार्रवाई करने की मांग की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर छात्र नेताओं के रवैये से आपत्ति जताते हुए कहा कि छात्र पढ़े लिखे की जगह अनपढ़ों की तरह व्यवहार कर रहे हैं. इस दौरान अदालत ने छात्रों द्वारा पैसे के अंधाधुंध खर्च पर भी नाराजगी व्यक्त की.

सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने पर HC सख्त

दिल्ली हाईकोर्ट में मनोनीत चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गोडेला की पीठ ने मामले की सुनवाई की है. पीठ ने सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर-बैनर का अंबार खड़ा करने पर फटकारते हुए कहा कि पढ़े-लिखे छात्रों की तरह बर्ताव करने  की जगह अनपढ़ों के जैसे हरकत की जा रही है.

सार्वजनिक संपत्ति में बैनर-पोस्टर का अंबार देखते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि छात्र संघ चुनाव की हालात तो आम चुनावों से भी बदतर दिखाई पड़ रही है.

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वहीं चुनाव प्रचार में बेहिसाब पैसे की खर्च करने पर हाईकोर्ट ने वीसी को निर्देश दिया कि चुनाव प्रचार में हो रहे खर्चों पर रोक लगाए. अदालत ने आगे कहा कि चुनाव छात्रों के जरिए करप्शन करने के लिए नहीं है, जैसा कि होता दिख रहा है.

सुनवाई के दौरान अदालत ने विश्वविद्यालय को चुनाव रद्द करने व जिम्मेदार छात्रों के प्रति कठोर कार्रवाई करने के निर्देश देने पर विचार करने को कहा. अदालत ने ये भी जब तक कि इन जगहों की सफाई नहीं हो जाती तब तक चुनाव पर रोक लगा दें या वोटिंग कराने की स्थिति में रिजल्ट को साफ-सफाई के बाद में घोषित करें.

कचरे की सफाई में साल भर का समय और करोड़ो का खर्च

सुनवाई के दौरान अदालत ने  कचरे की सफाई में आनेवाले खर्चों के बारे में पूछा, जिस पर याचिकाकर्ता वकील प्रशांत मनचंदा ने बताया कि इसमें करोड़ो रूपये की लागत आती है और साफ-सफाई में करने में साल भर का समय लगता है.

छात्र नेताओं को नोटिस जारी

सुनवाई के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से मौजूद वकील ने अदालत को बताया कि इस गलती के कारण पहले से ही 14 छात्र नेता उम्मीदवार को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है.