दिल्ली हाईकोर्ट ने अवैध प्रजनन के दावों के बीच दिल्ली सरकार से कुत्तों के प्रजनन कराने वाले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. अदालत ने नियमों का उल्लंघन करने वाले पालतू जानवरों की दुकान के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई पर स्थिति रिपोर्ट मांगी है. सरकार ने सूचित किया कि वे पालतू जानवरों की दुकान के मालिकों को पंजीकृत करने और अनुपालन सुनिश्चित करने पर काम कर रही है, जिसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 मई, 2025 तय की है.
दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार से एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिसमें बताया गया हो कि संबंधित नियमों का उल्लंघन करने वाले पालतू जानवरों की दुकानों के मालिकों के खिलाफ क्या कार्रवाई प्रस्तावित है.
पीठ ने कहा,
‘‘दलील दी गई है कि दिल्ली में कहीं कुत्तों का प्रजनन नहीं कराया जाता, इसलिए प्रजनन नियमों के तहत आगे कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है.’’
हालांकि, पीठ ने सरकार को दिल्ली में प्रजनन कराने वालों की मौजूदगी के बारे में अपना रुख स्पष्ट रूप से बताते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही हलफनामे में यह बताने के लिए कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी प्रजनन कराने वाले का पता लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि पालतू जानवरों की दुकान के मालिकों के पंजीकरण के लिए कदम किया जा रहा है और 90 दिन में यह काम पूरा हो जाएगा.
अधिवक्ता ने कहा कि पंजीकरण के बाद संबंधित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे और यदि पंजीकृत या गैरपंजीकृत पालतू जानवरों की दुकान के मालिकों में से कोई भी उल्लंघन करता पाया जाता है, तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.