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दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी पर लगाया दस लाख का जुर्माना, लेंटर गिरने से लड़के की हुई थी मौत  

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को दस लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जहां ये हादसा हुआ था, उस जगह की रख-रखाव की जिम्मेदारी एमसीडी की थी.

दिल्ली हाईकोर्ट (चित्र पीटीआई)

Written by Satyam Kumar |Updated : September 16, 2024 1:01 PM IST

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को दस लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जहां ये हादसा हुआ था, उस जगह की रख-रखाव की जिम्मेदारी एमसीडी की थी. एमसीडी को ये मुआवजा मृतक के पेरेंट को तीन महीने के भीतर देना है. बता दें कि एमसीडी पर ये जुर्माना 17 साल पुराने मामले पर लगा है जिसमें एक क्वार्टर का लेंटर गिरने से 17 साल के एक बच्चे की मृत्यु हो गई थी.

परिजनों को दस लाख का मुआवजा दे MCD

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस पुरूषेंद्र कुमार की पीठ ने मृतक के पेरेंट को मुआवजे पाने का अधिकारी पाया. बहस के दौरान अदालत को बताया कि घटना के वक्त लड़ेक की उम्र 17 साल की थी और वो अपने स्कूल के कबड्डी टीम का कैप्टन था. अदालत ने तथ्यों पर विचार करते हुए कहा कि घटना नहीं हुई होती तो वह अपने करियर में बेहतर कर रहा होता.

अदालत ने कहा,

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"अगर ये हादसा नहीं हुआ होता, तो बच्चे का भविष्य का उज्जवल होता."

दिल्ली हाईकोर्ट ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने को कहा है.

तीन महीने के अंदर MCD दे मुआवजे की राशि

अदालत ने एमसीडी पर जुर्माना लगाते हुए कहा कि नगर निकाय पेरेंट को दस लाख रूपये के अलावा पीड़ित को छह प्रतिशत सलाना ब्याज के हिसाब से मुआवजे देगा. अदालत ने मृतक के पेरेंट को मुआवजे की राशि देने के लिए तीन महीने का समय दिया है. साथ ही अगर तीन महीने में पैसे का भुगतान नहीं होने पर दस प्रतिशत सलाना ब्याज के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा.

क्या है पूरा मामला?

घटना 2007 की है,  जहां एमसीडी क्वार्टर की एक लेंटर गिरने से 17 साल के युवक की जान चली गई थी. फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि क्वार्टर के रखरखाव की जिम्मेदारी एमसीडी की थी. वहीं मृतक के पेरेंट ने इस घटना का जिम्मेदार एमसीडी को बताकर 20 लाख रूपये मुआवजे की मांग की थी.