Unnao Rape Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता एवं उन्नाव दुष्कर्म मामले के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को आंख की सर्जरी कराने के लिए चार फरवरी तक सोमवार को अंतरिम जमानत दी है. अदालत ने उन्हें 5 फरवरी तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है. वहीं, राहत पाने के लिए सेंगर के वकील ने मेडिकल कंडीशन का हवाला दिया, जबकि पीड़िता के वकील ने अनिश्चितकालीन जमानत के दावे के साथ इसका विरोध किया. बता दें कि अंतरिम जमानत की मांग उस अपील से जुड़ी है, जिसमें कुलदीप सेंगर ने उन्नाव रेप में अपनी सजा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है.
जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने इस बात पर गौर करते हुए उसकी सजा को स्थगित कर दिया कि सेंगर की मोतियाबिंद की सर्जरी मंगलवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में होनी है. अदालत ने सेंगर को पांच फरवरी को जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है.
पीठ ने कहा,
‘‘…...हमारा मानना है कि आवेदक की चिकित्सा प्रक्रिया के उद्देश्य से सजा को स्थगित किया जाना चाहिए, जो 4 फरवरी 2025 के लिए निर्धारित है. आवेदक को पांच फरवरी को जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा.’’
दोषी की तरफ से पैरवी कर रहे वकील ने अदालत को बताया कि सेंगर की सर्जरी निर्धारित तिथि से पहले नहीं की जा सकी क्योंकि परिस्थितियां उनके हाथ में नहीं हैं. वकील ने अवगत कराया कि दो और दिन की आवश्यकता है क्योंकि सेंगर को चिकित्सा प्रक्रिया के लिए एम्स में भर्ती होना है. अदालत ने पहले भी सर्जरी के लिए नेता को अंतरिम जमानत दी. वहीं, पीड़िता के वकील ने याचिका का विरोध किया और दलील दी कि सेंगर को अनिश्चितकाल के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती. सेंगर की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है.
यह याचिका दुष्कर्म के मामले में अधीनस्थ अदालत के दिसंबर 2019 के फैसले के खिलाफ उनकी अपील का हिस्सा है. उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और सजा को रद्द करने का अनुरोध किया है. सेंगर को 2017 में नाबालिग को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के मामले में दोषी ठहराया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त 2019 को निर्देश दिए जाने पर दुष्कर्म मामला और अन्य संबंधित मामले उत्तर प्रदेश की एक अधीनस्थ अदालत से दिल्ली स्थानांतरित कर दिए गए थे.
(खबर भाषा एजेंसी से है)