Advertisement

सर्जरी के अगले दिन करना पड़ेगा सरेंडर, कुलदीप सेंगर को आंखों के इलाज के लिए दिल्ली हाई कोर्ट से राहत

दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को आंख की सर्जरी के लिए 4 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है, लेकिन अदालत ने सर्जरी के अगले ही दिन, 5 फरवरी को, आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए हैं.

उन्नाव रेप केस के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर

Written by Satyam Kumar |Published : February 3, 2025 2:46 PM IST

Unnao Rape Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता एवं उन्नाव दुष्कर्म मामले के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को आंख की सर्जरी कराने के लिए चार फरवरी तक सोमवार को अंतरिम जमानत दी है. अदालत ने उन्हें 5 फरवरी तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है. वहीं, राहत पाने के लिए सेंगर के वकील ने मेडिकल कंडीशन का हवाला दिया, जबकि पीड़िता के वकील ने अनिश्चितकालीन जमानत के दावे के साथ इसका विरोध किया. बता दें कि अंतरिम जमानत की मांग उस अपील से जुड़ी है, जिसमें कुलदीप सेंगर ने उन्नाव रेप में अपनी सजा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है.

कुलदीप सेंगर को Surgery के लिए राहत

जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने इस बात पर गौर करते हुए उसकी सजा को स्थगित कर दिया कि सेंगर की मोतियाबिंद की सर्जरी मंगलवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में होनी है. अदालत ने सेंगर को पांच फरवरी को जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है.

पीठ ने कहा,

Also Read

More News

‘‘…...हमारा मानना ​​है कि आवेदक की चिकित्सा प्रक्रिया के उद्देश्य से सजा को स्थगित किया जाना चाहिए, जो 4 फरवरी 2025 के लिए निर्धारित है. आवेदक को पांच फरवरी को जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा.’’

दोषी की तरफ से पैरवी कर रहे वकील ने अदालत को बताया कि सेंगर की सर्जरी निर्धारित तिथि से पहले नहीं की जा सकी क्योंकि परिस्थितियां उनके हाथ में नहीं हैं. वकील ने अवगत कराया कि दो और दिन की आवश्यकता है क्योंकि सेंगर को चिकित्सा प्रक्रिया के लिए एम्स में भर्ती होना है. अदालत ने पहले भी सर्जरी के लिए नेता को अंतरिम जमानत दी. वहीं, पीड़िता के वकील ने याचिका का विरोध किया और दलील दी कि सेंगर को अनिश्चितकाल के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती. सेंगर की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है.

क्या है मामला?

यह याचिका दुष्कर्म के मामले में अधीनस्थ अदालत के दिसंबर 2019 के फैसले के खिलाफ उनकी अपील का हिस्सा है. उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और सजा को रद्द करने का अनुरोध किया है. सेंगर को 2017 में नाबालिग को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के मामले में दोषी ठहराया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त 2019 को निर्देश दिए जाने पर दुष्कर्म मामला और अन्य संबंधित मामले उत्तर प्रदेश की एक अधीनस्थ अदालत से दिल्ली स्थानांतरित कर दिए गए थे.

(खबर भाषा एजेंसी से है)