नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व कानून मंत्री और सीनियर एडवोकेट कपिल सिबल के खिलाफ Income Tax विभाग द्वारा पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही के संबंध में जारी किए गए show cause notice पर कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है.
Justices Rajiv Shakdher और Justice Tara Vitasta Ganju की पीठ ने आयकर विभाग को आदेश दिया है कि पहले वह इस नोटिस को लेकर सिब्बल द्वारा उठाई गई आपत्तियों का निस्तारण करे.
Income Tax authorities ने 11 मार्च को कपिल सिब्बल को नोटिस जारी किया था. जिसके खिलाफ सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी है.
Income Tax authorities ने सिब्बल को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 153 सी के तहत आकलन वर्ष 2013-14 से 2018-19 के लिए पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी किया है. इसे चुनौती देते हुए सिबल द्वारा छह याचिकाएं दायर की गई हैं.
याचिका पर सुनवाई के दौरान सिब्बल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम पेश हुए. उन्होने अदालत से कहा कि नोटिस छह साल बाद मई 2021 में जारी किए गए थे और बताया कि विभाग बहुत जल्दबाजी में है. जिसके जवाब में सिब्बल ने 16 जून, 2021 को अपना रिटर्न दाखिल किया.
चिदंबरम ने अदालत को बताया कि 3 नवंबर, 2021 को एक अनुरोध किया गया था, जिसमें संतुष्टि नोट और कारणों/सामग्री की एक प्रति मांगी गई थी, जिसके आधार पर धारा 153सी के तहत नोटिस जारी किया गया था.
सिब्बल की ओर से अदालत को बताया गया कि उनके द्वारा 1 मार्च, 2023 को दोहराते हुए अपनी आपत्तियां भेजी थी. उनके द्वारा 9 और 10 मार्च को पेश कि गयी सामग्री और आपत्ति के बाद अगले ही दिन कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया.
वही याचिका का जवाब दते हुए आयकर विभाग ने कहा कि विभाग की कार्यवाही प्रामाणिक थी और अधिकारी उसे प्रस्तुत सामग्री के आधार पर आगे बढ सकते है.
दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कारण बताओं नोटिस की कार्यवाही रोक लगाते हुए आदेश दिया कि इस मामले में आयकर विभाग के अधिकारी पहले सिबल को नोटिस जारी करेंगे जिसमें सुनवाई की तारीख, स्थान और समय दर्शाया जाएगा.
हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने आईटी विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिसों को क्षेत्राधिकार के साथ-साथ प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के आधार पर चुनौती दी है, इसलिए इस मामले पर कुछ विचार करने की आवश्यकता होगी.
हाईकोर्ट ने इसके साथ ही सिब्बल की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अधिकारियों से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, मामले की सुनवाई 14 सितंबर को होगी.