नई दिल्ली: (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज को विश्वविद्यालय की साझा प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंक को ध्यान में रखने के अलावा अल्पसंख्यक कोटे के तहत छात्रों को प्रवेश देने के लिए साक्षात्कार आयोजित करने की अनुमति दी है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसी तरह जीसस एंड मैरी कॉलेज को भी अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित सीटों को लेकर साक्षात्कार आयोजित करने की अनुमति दी है।
अदालत का आदेश दो अल्पसंख्यक कॉलेजों द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की कार्यकारी परिषद के आठ दिसंबर, 2022 के फैसले पर रोक लगाने के आवेदनों पर आया।
फैसले में अल्पसंख्यक आरक्षण के तहत दाखिले के लिए विश्वविद्यालयी सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) 2023 में प्राप्त अंकों को 100 प्रतिशत वरीयता के आधार पर दाखिला देने पर जोर दिया गया था। अधिसूचना को चुनौती देते हुए कॉलेजों ने याचिकाएं दायर की थीं।
दोनों कॉलेजों की याचिकाओं के अलावा अदालत ने सेंट स्टीफंस कॉलेज में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए सीयूईटी से इतर साक्षात्कार आयोजित करने के खिलाफ शेरोन एन जॉर्ज नामक महिला की याचिका पर भी आदेश पारित किया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पूर्व के फैसले में वह पहले ही इस बात पर चर्चा कर चुकी है कि डीयू किस हद तक अल्पसंख्यक छात्रों के प्रवेश को नियमित कर सकता है और फैसला सुनाया कि सेंट स्टीफंस अल्पसंख्यक छात्रों को सीयूईटी में प्राप्त अंकों के 85 प्रतिशत और साक्षात्कार से प्राप्त अंकों के 15 प्रतिशत के आधार पर दाखिला दे सकता है। लेकिन गैर-अल्पसंख्यक छात्रों के लिए यह सुविधा नहीं होगी।