नई दिल्ली: नेपाल की एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली हाईकोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) कराने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने पीड़िता की मां की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। याचिका में पीड़िता की मां ने अपनी 27 सप्ताह की गर्भवती बेटी के गर्भपात की प्रक्रिया की अनुमति देने के लिए अदालत के निर्देश की मांग की थी।
अदलात के अनुसार, तदनुसार इस तथ्य के मद्देनजर कि बच्चा और परिवार नेपाली नागरिक हैं, यह अदालत निर्देश देती है कि एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा गर्भपात को जल्द से जल्द किया जाए।
मां ने दावा किया था कि पिछले अक्टूबर में जब वह और उसका पति दिल्ली में काम कर रहे थे, तब उसकी बेटी के साथ नेपाल में क्रूर सामूहिक बलात्कार किया गया था। अदालत को बताया कि नाबालिग लड़की को मार्च में अपने माता-पिता के पास भारत आने के बाद पता चला कि वह गर्भवती है। हालांकि, जब तक उसने गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए उपयुक्त अधिकारियों से संपर्क किया, तब तक गर्भधारण की अवधि 25 सप्ताह तक पहुंच चुकी थी।
शुक्रवार की सुनवाई के दौरान, एलएनजेपी अस्पताल के दो डॉक्टरों ने अदालत को बताया कि नाबालिग के कम हीमोग्लोबिन स्तर और गर्भावस्था के 27 सप्ताह की गर्भावस्था अवधि के कारण जोखिम है।
मां और पीड़िता दोनों को जोखिम की सलाह दी गई थी, इसका खुलासा अदालत के सामने भी किया गया था। मां का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि वे जोखिमों से अवगत हैं। अदालत ने एमटीपी की अनुमति दी और अस्पताल के मेडिकल स्टाफ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि नाबालिग को ऑपरेशन से पहले और बाद में बेहतरीन देखभाल मिले।