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भगोड़े माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी, जानिए CBI ने अदालत को ऐसा क्या बताया?

मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. विजय माल्या के खिलाफ यह वारंट 180 करोड़ के लोन के मामले में सीबीआई (CBI) के आवेदन पर जारी किया गया है.

Written by Satyam Kumar |Published : July 2, 2024 4:22 PM IST

Fugitive Businessman Vijay Mallya: मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. विजय माल्या के खिलाफ यह वारंट 180 करोड़ के लोन के मामले में सीबीआई (CBI) के आवेदन पर जारी किया गया है. सीबीआई ने अदालत में एक आवेदन दायर की. आवेदन में अदालत से विजय विट्ठल माल्या के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट (Non Bailable Warrant) जारी करने की मांग की.

समन का फायदा नहीं, इसलिए गैर-जमानती वारंट: जज

स्पेशल जज (CBI) एसपी नाइक निम्बालकर ने विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है.

अदालत ने कहा,

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"गैर जमानती वारंट (पहले से जारी किए गए वारंट के रेफरेंस ) जिस पर कार्रवाई अभी भी लंबित है. इससे यह आशय निकलता है कि आरोपी ने कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश की है और उसे भगोड़ा व आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है. परिणामत: ऐसे परिदृश्य में, आरोपी के खिलाफ समन के रूप में प्रक्रिया जारी करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा."

अदालत ने आगे कहा,

"चूंकि आरोपी विजय माल्या फरार हो गया है, उसे भगोड़ा घोषित किया गया है और अन्य मामलों में उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू निष्पादन के लिए लंबित हैं, इसलिए यह आरोपी विजय माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उसके खिलाफ ओपन एंडेड एनबीडब्ल्यू जारी करने का एक उपयुक्त मामला पाती है."

अदालत ने मामले की परिस्थिति पर विचार करने के बाद आरोपी के खिलाफ समन की जगह गैर-जमानती वारंट जारी किया.

CBI ने अदालत को क्या बताया?

सीबीआई ने आवेदन में बताया कि आरोपी भारत में नहीं रह रहा है और वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में रह रहा है. सीबीआई ने बताया कि विजय माल्या लगातार कानूनी प्रक्रिया से भाग रहे है. वर्तमान में वह इंग्लैंड में है. सीबीआई द्वारा आरोपी विजय माल्या के कानूनी प्रक्रिया से जानबूझकर बचने तथा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी (Fugitive Economic Offender) घोषित करने की मांग हुई है.

सीबीआई ने अदालत के सामने विजय माल्या से जुड़े घटनाक्रम को रखा,

  • 2.3.2016 : विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती जारी किया गया है.
  • 31.01.2017: दोबारा से विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया.
  • 10.12.2018: वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के वरिष्ठ जिला न्यायाधीश ने प्रत्यर्पण की सिफारिश की.
  • 04.02.2019: ब्रिटेन के गृह सचिव ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया.
  • 20.04.2020: ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या की अपील खारिज की.
  • 14.05.2020: ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने विजय माल्या की सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की याचिका खारिज की.
  • 05.01.2019 में विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (Fugitive Economic Offender) घोषित किया गया, जो कि एफईओ अधिनियम (FEO Act) के अनुसार, कोई व्यक्ति 'भगोड़ा' घोषित तभी किया जा सकता है जब गिरफ्तारी वारंट जारी हो और व्यक्ति भारत लौटने से इनकार कर दे या भारत छोड़ चुका हो.

स्पेशल जज ने परिस्थितियों पर ध्यान पर रखते हुए विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करना उपयुक्त समझा.