Cash For Query Case: टीएमसी नेत्री महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में पहले संसद की सदस्यता गई. भारत के लोकपाल (Lokpal) के आदेश के बाद, अब सीबीआई (CBI) महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच करेगी. सीबीआई ने पूर्व सांसद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) के तहत मामला दर्ज किया है. आरोप संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का ही है. आइये आपको बताते हैं कि लोकपाल ने सीबीआई जांच के आदेश देने के दौरान क्या कुछ कहा है….
तीन सदस्यों की एक कोरम ने यह फैसला दिया, जिसमें न्यायिक अधिकारी अभिलाषा कुमारी और दो सदस्य, अर्चना रामासुन्दरम और महेन्द्र सिंह शामिल हुए. कोरम ने महुआ मोइत्रा पर लगे गंभीर आरोपों और इस संदेह को साबित करने के साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया है.
आदेश में कहा गया. रिकार्ड पर मौजूद साक्ष्यों पर सावधानीपूर्वक विचार और मूल्यांकन किया गया है. साक्ष्य आरोपों की पुष्टि करते प्रतीत होते हैं. चूंकि पूर्व एमपी पर लगे आरोप गंभीर है. इसलिए मामले की जांच करने के बाद ही असल सच्चाई का पता चलेगा.
आदेश में लोकपाल ने अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की ध्यान दिलाते हुए कहा कि यह हमारा दायित्व हैं कि ऐसे कृत्यों पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. ये कृत्य गलत तरीके से पैसों की उगाही करना, अनैतिक फायदा उठाना और नागरित के प्रति उत्तरदायित्व अनदेखी करने पर रोक लगाना भी है. ऐसे में जन प्रतिनिधियों का दायित्व का दायरा तो और भी बड़ा है.
लोकपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. सीबीआई को ये जांच छह महीने के अंदर जांच की पूरी रिपोर्ट देने को कहा है. जांच में महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की हरसंभव जांच करने को कहा है. साथ ही जांच गतिविधियों के स्टेटस से हर महीने बताने के आदेश दिए. सीबीआई पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच करेगी.
पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने दुबे और देहाद्राई पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था. ये मुकदमा उन्होंने इन नेताओं के द्वारा आरोप लगाने के बाद किया. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने टीएमसी नेत्री पर आरोप लगाया. महुआ मोइत्रा ने मंहगे उपहारों के बदले व्यवसायी हीरानंदानी के साथ अपने संसद एकाउंट के लॉग-इन क्रेडेंशियल शेयर किये थे. उन्होंने दावा किया कि संसद में मोइत्रा द्वारा पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल हीरानंदानी के जुड़े थे.
आचार समिति (Ethics Committee) ने टीएमसी नेता को व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी (Darshan Hiranandani) के साथ अपने संसदीय पोर्टल की लॉग-इन क्रेडेंशियल्स सांझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी पाया था और इसी के चलते दिसंबर में महुआ मोइत्रा को संसद से बाहर कर दिया था, 8 दिसंबर, 2023 के दिन महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित कर दिया गया.