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Durga Puja पंडाल के बाहर लगे 'एंटी-एस्टैब्लिशमेंट' नारे? फिर नौ आरोपियों को Calcutta HC ने कैसे दी जमानत, जानें पूरा मामला

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरोपी नौ छात्रो को जमानत देते हुए कहा कि नारेबाजी करने जैसी गतिविधियां राज्य विरोधी नहीं हैं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत आती है.

दुर्गा पूजा पंडाल (पिक क्रेडिट ANI)

Written by Satyam Kumar |Published : October 12, 2024 2:23 PM IST

दुर्गा पूजा पंडाल के बाहर एंटी-एस्टैब्लिशमेंट लगाने के आरोप में गिरफ्तार हुए नौ छात्रों को कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. छात्रों को राहत देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि छात्रों द्वारा लगाए गए नारे या पकड़े गए प्लेकार्ड किसी अपराध को इशारा नहीं करते हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने नारेबाजी करने को लेकर कहा कि ये गतिविधियां राज्य विरोधी नहीं हैं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत आती है. आइये जानते हैं पूरा वाक्या..

नारेबाजी, विरोध-प्रदर्शन का अहम हिस्सा

कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस शांपा सरकार की एकल बेंच ने हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करते हुए कहा कि उन्हें शहर के किसी भी पूजा पंडाल के 200 मीटर के भीतर शोर या नारेबाजी करने पर रोक लगाई है. अदालत ने कहा कि आरोपियों से जप्त की गई सामग्री में ऐसे प्लेकार्ड और बैनर शामिल थे जिस पर आरजी कर अस्पताल की घटना से संबंधित नारे लिखे थे, वे ना तो घृणास्पद है ना ही सरकार विरोधी. अदालत ने जमानत देते हुए फैसले में कहा कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों का उद्देश्य नफरत और डर पैदा करना नहीं था, बल्कि वे स्थापित व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे प्रदर्शन लंबे समय से हो रहे हैं और नारेबाजी किसी भी विरोध प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो लोकतंत्र की भावना में निहित है.

बेंच ने कहा कि ये गतिविधियां राज्य विरोधी नहीं हैं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत आती हैं. सुनवाई के दौरान अदालत ने नोट किया कि राज्य मशीनरी को गलत तरीके से आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए सक्रिय किया गया था. मामले में सभी आरोपी छात्र हैं और पहले से उनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है, इसलिए वे समाज के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं हैं.

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अदालत ने कहा कि पुलिस केवल अपने अधिकार के है, इसलिए ही किसी को गिरफ्तार नहीं कर लेना चाहिए बल्कि गिरफ्तारी के लिए उनके पास ठोस कारण भी होना चाहिए.

क्या है मामला?

गिरफ्तार हुए नौ छात्र जमानत की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. छात्रों ने अदालत के सामने दावा किया कि उन्हें पुलिस ने पूजा पंडाल के पास प्रदर्शन करने के लिए मनमाने तरीके से हिरासत में लिया है. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल अनुचित ढ़ंग से किया जा रहा है.

हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट ने छात्रों को जमानत दे दी है.