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माकपा नेता कलातन दासगुप्ता को कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली जमानत, जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने की साजिश से जुड़ा है मामला

कलकत्ता हाईकोर्ट

सीपीआई(एम) नेता कलातन दासगुप्ता को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक सहकर्मी के बलात्कार और हत्या का विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने की साजिश के मामले में जमानत दे दी है. लीक हुए ऑडियो क्लिप के बाद गिरफ्तार किए गए दासगुप्ता को अदालत ने आदेश दिया कि उनकी सहमति के बिना उनसे पूछताछ नहीं की जाए.

Written by My Lord Team |Updated : September 20, 2024 7:01 AM IST

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपने सहकर्मी के साथ दुष्कर्म और हत्या का विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने की कथित साजिश के मामले में माकपा नेता कलातन दासगुप्ता को गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है.

तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष द्वारा एक फोन कॉल की कथित ऑडियो क्लिप जारी किए जाने के बाद विधाननगर सिटी पुलिस ने दासगुप्ता को संजीव दास नामक एक व्यक्ति के साथ गिरफ्तार किया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करने के लिए साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन के बाहर डॉक्टरों पर हमला करने की साजिश रची गई थी. पुलिस ने ऑडियो क्लिप के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था और दो गिरफ्तारियां की थीं.

न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय की सहमति के बिना दासगुप्ता से न तो जांच के सिलसिले में पूछताछ की जा सकती है और न ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. दासगुप्ता को 500 रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई. अदालत ने राज्य से गिरफ्तारी के पीछे के कारणों का हवाला देते हुए एक हलफनामा दायर करने को कहा, यह देखते हुए कि नेता भी हलफनामा दायर करने के हकदार हैं. मामले की सुनवाई 18 नवंबर को फिर होगी.

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दासगुप्ता के वकील विकास रंजन भट्टाचार्जी ने अदालत को बताया कि जूनियर डॉक्टरों पर कोई हमला नहीं हुआ है और नेता ने इस तरह के हमले के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है. सरकारी वकील ने कहा कि दासगुप्ता और दास ने पिछले 10 महीनों में 171 बार फोन पर बात की थी. इस पर भट्टाचार्जी ने कहा कि दो व्यक्तियों के बीच ये फोन कॉल कैसे साजिश को स्थापित कर सकते हैं, भले ही वे परिचित से अधिक हों. अदालत ने यह भी जानना चाहा कि दासगुप्ता पर बीएनएस की गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला क्यों दर्ज किया गया, जबकि दास पर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, खासकर जब दास ने कथित तौर पर ऐसी किसी भी कथित योजना पर चर्चा की. अपने सहयोगी के बलात्कार और हत्या के बाद सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा सहित कई मांगों को लेकर चिकित्सक राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर डेरा डाले हुए हैं.