बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए टिप्पणी किया कि विवाहित महिला यह दावा नहीं कर सकती कि शादी का झूठा वादा कर उसका रेप किया गया है (Bombay High Court says Married Woman can't claim rape on false promise of marriage). आरोपी शख्स के खिलाफ पुणे थाने में बलात्कार और आपराधिक धमकी देने को लेकर प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई गई थी, अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने व्यक्ति को गिरफ्तारी से अंग्रिम जमानत दी है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस मनीष पिताले (Justice Manish Pitale) की सिंगल-जज पीठ ने आरोपी (याचिकाकर्ता) की जमानत याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता पहले से ही विवाहित है, ऐसे में कैसे वो दावा कर सकती है कि वो शादी के झूठे वादे का शिकार हुई? महिला को पता था कि वह कानूनी रूप से आरोपी शख्स से शादी नहीं कर सकती थी.
अदालत ने पाया कि शादी का झूठा वादा प्रथम दृष्तया ही गलत है.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के वकील ने इसका विरोध किया कि उन्होंने दावा किया कि आरोपी ने महिला को शारीरिक संबंध बनाने के वीडियो शेयर करने की धमकी दी है.
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल ने जांच में हरसंभव सहयोग किया है.
अदालत ने कहा,
"ऐसा प्रतीत नहीं होता है या ऐसी किसी तरह की वीडियो शेयर करने की बात पीठ के सामने नहीं आई है."
अदालत ने कुछ शर्तों के साथ आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी है (Bombay High Court grants anticipatory bail to accused).
मामले में आरोपी व्यक्ति (याचिकाकर्ता) और शिकायतकर्ता दोनों शादीशुदा है. विवाहित महिला ने दावा किया आरोपी व्यक्ति ने उससे दोस्ती की, उसके बाद उससे शादी का झूठा वादा कर उसे एक लॉज में ले जाकर जबरदस्ती किया.