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11,000 करोड़ रुपये की Custom Duty की मांग के खिलाफ फॉक्सवैगन पहुंचा बॉम्बे हाई कोर्ट, अधिकारियों को गुमराह करने के भी आरोप

बॉम्बे हाई कोर्ट 17 फरवरी को स्कोडा ऑटो वोक्सवैगन इंडिया की 1.4 बिलियन डॉलर की सीमा शुल्क मांग के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा. कंपनी ने CKD इकाइयों से संबंधित कथित सीमा शुल्क धोखाधड़ी के लिए जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी है.

(सांकेतिक चित्र)

Written by Satyam Kumar |Published : February 5, 2025 4:39 PM IST

बंबई हाई कोर्ट भारतीय सीमाशुल्क अधिकारियों की 1.4 अरब डॉलर की कर मांग के खिलाफ स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया की याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करेगा. भारत में फॉक्सवैगन समूह का नेतृत्व स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के पास है. टैक्स अधिकारियों ने इस कंपनी पर लगभग 11,000 करोड़ रुपये (लगभग 1.4 अरब डॉलर) की कथित सीमा शुल्क धोखाधड़ी (Custom Duty) में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. बता दें कि कंपनी पर ऑक्टेविया, सुपर्ब, कोडियाक, जेट्टा और टिगुआन जैसे मॉडलों पर उच्च आयात शुल्क से बचने के लिए सीमा शुल्क अधिकारियों को गुमराह करने आरोप भी लगे हैं.

बॉम्बे हाई कोर्ट 17 फरवरी के दिन सुनवाई करेगी

मोटर वाहन कंपनी ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर सीमा शुल्क अधिनियम के तहत सितंबर 2024 में अधिकारियों द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को पिछले महीने चुनौती दी थी. कंपनी के वकीलों ने बुधवार को जस्टिस बीपी कोलाबावाला और जस्टिस फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की. उच्च न्यायालय ने याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करने पर सहमति जताई है.

कब लगता है Custom Duty?

सीमा शुल्क धोखाधड़ी उन कारों पर लागू होती है, जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर देश में लाया जाता है. सीकेडी इकाई का मतलब है कि किसी भी कार को अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर आयात किया जाए और फिर देश के भीतर ‘असेंबलिंग’ कर एक कार तैयार कर दी जाए.

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फॉक्सवैगन पर क्यों लगा धोखाधड़ी का आरोप

फॉक्सवैगन समूह ने भारत में ऑडी, फॉक्सवैगन और स्कोडा जैसे विभिन्न ब्रांड के तहत कई ऐसे मॉडलों की बिक्री की है जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर आयात किया गया और भारत में असेंबल किया गया. इन मॉडलों में ऑक्टेविया, सुपर्ब, कोडियाक, जेट्टा और टिगुआन शामिल हैं. समूह पर आरोप है कि उसने अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर इन कारों का आयात कर सीमा शुल्क अधिकारियों को गुमराह किया और उच्च आयात शुल्क से बचने की कोशिश की.