मुंबई: बंबई हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि मुंबई नगर निकाय को त्योहारों के दौरान पंडाल लगाने और सड़कों तथा फुटपाथ को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ अधिक गंभीर कदम उठाने चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने कहा कि उनकी राय है कि यदि कोई सख्त प्रतिबंध लगाया जाएगा तो यह प्रभावी होगा और फिर पंडाल बनाने वालों को शर्तों का पालन करना होगा ताकि सार्वजनिक सड़कों व फुटपाथ को कोई नुकसान न हो।
अदालत प्रमेय फाउंडेशन द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को उन पंडालों और मंडपों को अनुमति न देने का निर्देश देने की मांग की गई थी जिन्होंने पिछले वर्ष लागू नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पंडाल सड़कों और फुटपाथ को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे वे अनुपयोगी हो जाते हैं। बीएमसी की मौजूदा नीति के अनुसार, यदि कोई आयोजक नियम और शर्तों का उल्लंघन करता है तो जमानत राशि जब्त कर ली जाती है और उसकी मंजूरी वापस ले ली जाती है। पीठ ने कहा कि निगम को और अधिक प्रतिबंध लगाने चाहिए।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा, “हमें अधिक गंभीर कदम की आवश्यकता है। याचिकाकर्ता द्वारा की गई प्रार्थना पर विचार करें कि यदि कोई आयोजक शर्तों का उल्लंघन करता पाया गया तो अगले वर्ष अनुमति के लिए उनके आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।”
पीठ ने बीएमसी को याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेने और छह हफ्ते के अंदर नीतिगत फैसला करने को कहा। इसके साथ ही अदालत ने याचिका निस्तारित कर दी।