कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ 11 जून को बनगांव के ठाकुरनगर में आध्यात्मिक नेता स्वर्गीय बीनापानी देवी उर्फ बोरो मां मटुआ के मंदिर में तनाव को लेकर भाजपा सांसद और केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल किया.
न्यूज़ एजेंसी IANS के अनुसार, ठाकुर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल के नेताओं का एक समूह 11 जून को मंदिर में इकट्ठा हुआ और इसकी पवित्रता को खराब किया. याचिका को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा याचिका को स्वीकार कर लिया है और मामले की सुनवाई मंगलवार को होने की संभावना है.
भाजपा सांसद ने याचिका में कहा कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, जिला पुलिस प्रशासन ने मंदिर के उन शिष्यों के खिलाफ कार्रवाई की, जिन्हें सत्तारूढ़ दल के समर्थकों ने कथित तौर पर परेशान किया था.
आईएएनएस के अनुसार, मटुआ समुदाय के कुछ लोगों द्वारा 11 जून को मंदिर में काले झंडे लहराने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने कुछ केंद्रीय सशस्त्र बल कर्मियों के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की हैं.
प्राथमिकी उन केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के खिलाफ दर्ज की गई है, जो शांतनु ठाकुर को बचा रहे थे, क्योंकि भाजपा सांसद रविवार दोपहर को विरोध प्रदर्शन के दौरान मौके पर मौजूद थे.
रिपोर्ट के अनुसार, प्राथमिकी में राज्य पुलिस ने केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों पर उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकने की कोशिश करने और एक आरोपी को पुलिस से मुक्त करने का आरोप लगाया है.
गौरतलब है की 11 जून को, बनर्जी के मंदिर पहुंचने के बाद, मटुआ समुदाय के कई लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाना शुरू कर दिया और यह दावा करते हुए नारे लगाने लगे कि उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.
स्थिति और भी गंभीर हो गई, क्योंकि बनगांव से स्थानीय भाजपा लोकसभा सदस्य और केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों और उनके सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंचे.
खबरों के मुताबिक, केंद्रीय बलों के जवानों की मदद से भाजपा सांसद ने मंदिर के गेट को अंदर से बंद कर दिया.