नई दिल्ली: फिल्म अभिनेता सलमान को बॉम्बे हाईकोर्ट से उनके खिलाफ दायर एक अपराधिक मामले में बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट में वर्ष 2019 में एक पत्रकार की ओर से दर्ज कराए गए मामले में उनके खिलाफ अपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है.
जस्टिस भारती डांगरे ने सलमान खान की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए गुरूवार सुबह ये आदेश दिया है. आदेश में एक्टर के खिलाफ लगाए गए पत्रकार के सभी आरोपों को खारिज कर दिया और सलमान खान को क्लीन चिट दी गई है.
इसके तहत सलमान खान को अंधेरी कोर्ट में अब हाजिरी नहीं लगानी पड़ेगी. अंधेरी कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन को भी हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. सलमान के खिलाफ दर्ज FIR को भी बॉम्बे हाई कोर्ट ने रद्द करने का आदेश दे दिया है.
सलमान की ओर से निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें निचली अदालत ने सलमान खान के खिलाफ समन जारी किया था.
गौरतलब है कि वर्ष में 2019 में एक पत्रकार ने सलमान खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पत्रकार अशोक पांडे ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख पर मारपीट करने और दुर्व्यहार करने का आरोप लगाया था.
पत्रकार ने बाद में अंधेरी मैजिस्ट्रेट के पास इस संबंध में शिकायत दाखिल की थी, और यह घटना 24 अप्रैल 2019 की बताई थी.
सलमान पर आरोप था कि जब सलमान खान के साथ एक फोटो ले रहे थे. इसी दौरान एक्टर के बॉडीगार्ड ने पत्रकार से उनका फोन छिन लिया था और मारपीट भी की थी. यह भी आरोप लगाया गया कि सलमान ने धमकी दी थी.
अंधेरी के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट की कोर्ट ने शिकायतकर्ता पत्रकार अशोक पांडे की शिकायत पर सलमान खान से खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.
इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद डीएन नगर पुलिस स्टेशन में सलमान के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाने), 392 (लूटपाट) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया था.
पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद अदालत ने सलमान को इस मामले में समन जारी किया था.
अदालत के आदेश के खिलाफ सलमान की ओर से हाईकोर्ट में समन को चुनौती देने के साथ ही एफआईआर रद्द करने का अनुरोध किया. हाईकोर्ट ने अप्रैल 2022 में निचली अदालत के समन पर रोक लगा दी थी.
सलमान की ओर से अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि उसके बॉडीगार्ड केवल पत्रकार को फोटो खिचने से रोक रहे थे और इस मामले में सलमान की ओर से कोई एक्शन नहीं किया गया था. सलमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि उन्होंने केवल अपने अंगरक्षकों से कहा था कि पत्रकार को उनकी तस्वीरें/वीडियो शूट करने से रोकें.
अधिवक्ताओं ने सलमान का बचाव करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने पहली शिकायत में सलमान का कही नाम नहीं लिखा, जिसे बाद में जानबूझकर जोड़ा गया है.
दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद अदालत ने गुरूवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए सलमान खान को इससे जुड़े सभी आरोपो से क्लीन चीट देते हुए एफआईआर रद्द करने के आदेश दिये है0.