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Bengal Coal Smuggling Scam: सीबीआई कोर्ट में 'Framing Of Charges' की प्रक्रिया टली, दो आरोपी नहीं थे मौजूद

पश्चिम बंगाल कोयला तस्करी मामले में 'आरोप तय करने' की प्रक्रिया स्पेशल कोर्ट(CBI) में दो आरोपियों की कम उपस्थिति के चलते टल गई है.

सीबीआई अदालत में 'Framing Of Charges' की प्रक्रिया तकनीकी कारणों से टली

Written by Satyam Kumar |Published : July 3, 2024 4:14 PM IST

West Bengal Coal Smuggling Case: पश्चिम बंगाल कोयला तस्करी मामले में 'आरोप तय करने' की प्रक्रिया (Framing Of Charges), जो बुधवार को पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले (Burdwan District) के आसनसोल में सीबीआई की एक विशेष अदालत में शुरू होने वाली थी,  तकनीकी आधार पर स्थगित कर दी गई. मामले को स्थगित करने का कारण विशेष अदालत में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र में नामित दो आरोपियों की अनुपस्थिति थी. मामले में 50 आरोपियों में से दो की मृत्यु हो गई है और एक फरार है.

बुधवार को, आरोप तय होने के दिन, चार्जशीट में नामित केवल 45 आरोपी व्यक्ति अदालत में उपस्थित थे, जिसने 'आरोप तय करने' की प्रक्रिया शुरू करने में तकनीकी बाधा के रूप में काम किया.

दूसरी बाधा तब सामने आई, जब अदालत को सूचित किया गया कि गवाह के रूप में नामित कई लोगों को अदालत में पेश होने के लिए समन का नोटिस अभी तक नहीं मिला है.

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IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मामले में कुल 50 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 47 को बुधवार को अदालत में उपस्थित होना था.

CBI ने इस मामले में कुल 396 गवाहों के नाम दर्ज किए हैं. साथ ही, अदालत को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा चार्जशीट के साथ दायर किए गए भारी मात्रा में दस्तावेजों की जांच करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है, जिसके कारण 'आरोप तय करने' की प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

मामले के मुख्य आरोपियों में से एक विनय मिश्रा अभी भी फरार है. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वह वर्तमान में वानुअतु द्वीप पर नागरिकता लेने और अपनी भारतीय नागरिकता सरेंडर करने के बाद रह रहा है. मामले का एक अन्य मुख्य आरोपी अनूप माझी उर्फ लाला, जो वर्तमान में सशर्त जमानत पर रिहा है, बुधवार को अदालत में मौजूद था.