बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी का मुख्य उद्देश्य अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना को शुरू करने की मांग की गई है (Health Insurance Scheme For Advocates). वहीं, सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन और कंपनसेशन बिल को लागू करने की मांग भी हुई है. बता दें कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने 8 जुलाई को ये चिट्ठी केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को संबोधित करते हुए लिखी है.
BCI अध्यक्ष की चिट्ठी में अधिवक्ताओं की सुरक्षा और कल्याण के मुद्दों को उठाया गया है. उन्होंने विषय की गंभीरता और अधिवक्ताओं की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई है. BCI ने इस बात पर जोर दिया है कि संविधान को बनाए रखने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिवक्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन वे अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, जो हाल ही में महामारी के दौरान स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो गया है, जब कई अधिवक्ता अपर्याप्त स्वास्थ्य कवरेज से जूझ रहे थे.
BCI अध्यक्ष ने कहा कि वह लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रहा है और सरकार से ऐसी योजना के वित्तीय पहलू का ध्यान रखने का आग्रह किया है. पत्र में एडवोकेट प्रोटेक्शन और कंपनसेशन बिल को लागू कराने को लेकर भी आह्वान किया गया है, जिसका उद्देश्य वकीलों को शारीरिक धमकियों और धमकी से सुरक्षा प्रदान करना है, जिसका उन्हें काम के दौरान अक्सर सामना करना पड़ता है.
BCI अध्यक्ष ने चिट्ठी में विधि राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के दिए पुराने आश्वासन को याद दिलाया.
BCI अध्यक्ष ने कहा,
“पिछले चुनावों से पहले, माननीय मंत्री मेघवाल जी ने मुझे इसे पूरा करने का आश्वासन दिया था. मैं अधिवक्ता संरक्षण और मुआवजा विधेयक/अधिनियम को शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह करता हूं."
BCI अध्यक्ष ने आगे कहा,
"अधिवक्ताओं को अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करते समय अक्सर धमकियों, डराने-धमकाने और यहां तक कि शारीरिक नुकसान का भी सामना करना पड़ता है. ये चुनौतियां केवल व्यावसायिक खतरे नहीं हैं; वे न्याय के मूल सार का अपमान हैं. प्रस्तावित कानून का उद्देश्य आवश्यक सुरक्षा प्रदान करना है, यह सुनिश्चित करना है कि अधिवक्ता निडरता और सम्मान के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें."
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने विधि एवं न्याय राज्य मंत्र अर्जन मेघवाल को लिखी चिट्ठी में उपरोक्त बातों पर निर्णय लेने को कहा है.