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Badlapur Minor Sexual Assault: पुलिस की जांच में खामियां, स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश, बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त

बॉम्बे हाईकोर्ट

Badlapur Minor Sexual Assault स्कूल में दो बच्चियों से यौन शोषण की घटना पर Bombay High Court ने Police से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जहां पुलिस को संवेदनशील होकर इस मामले की जांच करनी चाहिए थी, वहीं पुलिस ने नियमों के हर स्तर पर ढिलई दिखाई है. पुलिस ने की शिकायत के 11 गघंटे बाद प्राथमिकी दर्ज की और इतने दिन बीत जाने पर भी दूसरे पीड़िता का बयान नहीं दर्ज किया है.

Written by Satyam Kumar |Published : August 22, 2024 1:58 PM IST

आज, गुरूवार के दिन, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर में एक स्कूल में 4 साल की लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण मामले की सुनवाई की. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अखबार में छपी स्कूल में दो बच्चियों से यौन शोषण की घटना पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जहां पुलिस को संवेदनशील होकर इस मामले की जांच करनी चाहिए थी, वहीं पुलिस ने नियमों के हर स्तर पर ढिलई दिखाई है. पुलिस ने की शिकायत के 11 गघंटे बाद प्राथमिकी दर्ज की और इतने दिन बीत जाने पर भी दूसरे पीड़िता का बयान नहीं दर्ज किया है. खबर के आधार पर इस घटना को स्वत: संज्ञान में लिया. मामले में

पुलिस ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई, स्कूल ने अपराध की सूचना नहीं दी: बॉम्बे HC सख्त

बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से नाराजगी जाहिर की है. अदालत ने स्कूल प्रशासन द्वारा घटना की सूचना नहीं देने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर महाराष्ट्र पुलिस को जमकर फटकार लगाई है.

अदालत ने फटकार लगाते हुए कहा, 

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"इसमें पीड़ित बच्चियों ने शिकायत की है, लेकिन कई मामले रिपोर्ट नहीं किए गए. इन सबके बारे में बोलने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है. निश्चित रूप से पुलिस ने अपनी भूमिका उस तरह से नहीं निभाई, जैसी उसे निभानी चाहिए थी. अगर पुलिस संवेदनशील होती, तो यह घटना नहीं होती,"

अदालत ने पुलिस कार्रवाई की खामियों को गिनाते हुए कहा, पुलिस ने प्राथमिकी घटना होने के ग्यारह घंटे बाद दर्ज की. दो पीड़ित बच्ची हैं, एक तो बयान लेट से दर्ज किया, उसमें भी दूसरे के बयान लेने में फेल रही.

अदालत ने कहा, 

"हम इस तथ्य से स्तब्ध हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरी पीड़ित लड़की का बयान दर्ज करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया."

अदालत ने पुलिस को स्पष्ट कहा कि ये रवैया लोगों को हतोत्साहित करता है. साथ ही अदालत ने महाराष्ट्र पुलिस से पूछा कि उन्होंने स्कूल के खिलाफ क्या कार्रवाई की, जिन्होंने इस घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य को मामले से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट्स को रिकार्ड पर रखने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.

क्या है मामला?

रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 13 अगस्त को बदलापुर स्कूल के शौचालय में हुई. अभिभावकों ने 16 अगस्त को पुलिस को घटना की सूचना दी. सूचना के आधार पर पुलिस ने 11 घंटे बाद शिकायत दर्ज की.

शिकायत पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने 17 अगस्त को पुलिस ने मामले में 23 वर्षीय स्कूल अटेंडेंट अक्षय शिंदे को गिरफ्तार किया, जिसे स्थानीय अदालत ने 26 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने घटना को स्वत: संज्ञान में लिया है. वहीं सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि मामले की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है.

रिपोर्ट की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया है.