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अतुल सुभाष सुसाइड केस: क्या होता है ट्रांजिट अग्रिम जमानत? जिसके तहत सुशील सिंघानिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत

सुशील सिंघानिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग किया कि उनके खिलाफ मुकदमा दूसरे राज्य में हुआ है, उन्हें गिरफ्तारी से राहत देते हुए अदालत के समक्ष अपनी बात रखने का मौका दिया जाए. साथ ही उसने बहस के दौरान मीडिया ट्रायल पर भी सवाल उठाया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : December 17, 2024 11:37 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतुल सुभाष सुसाइड केस में पत्नी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानियां को ट्रांजिट अंतरिम जमानत (Transit Interim Bail) दी है. ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग तब की जाती है, जब अपराध दूसरे न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में हो और गिरफ्तारी किसी दूसरे अदालत के अधिकार क्षेत्र में हो. बता दें कि अतुल सुभाष के सुसाइड मामले में उसके भाई ने अपनी भाभी यानि अतुल पत्नी निकिता सिंघानिया, सास और साले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. शिकायत के आधार पर बेंगलुरू पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही यानि गिरफ्तार करने उत्तर प्रदेश पहुंची. इस पुलिस की गिरफ्तारी के खिलाफ निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंघानिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट नें ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की. आइये जानते हैं कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुशील सिंघानिया की ट्रांजिट अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए क्या कहा...

सुशील सिंघानिया को मिली हाईकोर्ट से मिली ट्रांजिट अग्रिम जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने मुख्य आरोपी निकिता सिंघानिया के चाचा सुशील सिंंघानिया की ट्रांजिट अग्रिम जमानत स्वीकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (सुशील सिंघानिया) 69 वर्ष के हैं, उन्हें पुरानी बीमारी है. ऐसे में वे राहत पाने अधिकारी है. अदालत ने सुशील सिंघानिया को ट्राजिट अग्रिम जमानत कुछ शर्तों के साथ दी है. अदालत ने कहा कि जब भी जांच एजेंसी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाए, उन्हें हाजिर होना पड़ेगा. साथ ही अगर उनके पास कोई पासपोर्ट है, तो उसे एसएसपी या एसपी के सामने पेश करना पड़ेगा.

वकील ने हाईकोर्ट से मांग करते हुए कहा कि उनके खिलाफ मुकदमा दूसरे राज्य में हुआ है, उन्हें गिरफ्तारी से राहत देते हुए अदालत के समक्ष अपनी बात रखने का मौका दिया जाए. सुशील सिंघानिया के वकील ने अदालत से मांग किया कि बेंगलुरू पुलिस ने उनकी पत्नी, सास और साले को गिरफ्तार कर लिया है. वकील ने दावा किया कि पुलिस की गिरफ्तारी सुसाइड नोट और वीडियो के आधार पर है. वकील के अनुसार, उसके क्लाइंट को मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है.

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बेंगलुरू पुलिस ने पत्नी, सास, साले को किया गिरफ्तार

बता दें कि बेंगलुरू पुलिस ने पत्नी, सास और साले को गुरूग्राम और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गिरफ्तार कर इन तीनों को स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया, जिसके बाद अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है.

अतुल सुभाष के सुसाइड करने के बाद उसके भाई ने बेंगलुरू की मराठहल्ली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. भाई की शिकायत पर पुलिस ने एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी एवं उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 और धारा 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.

क्या होता है ट्रांजिट अग्रिम जमानत?

ट्रांजिट अग्रिम जमानत तब मांगी जाती है, जब अपराध किसी अन्य अदालत के क्षेत्राधिकार में हुआ हो और आरोपी व्यक्ति किसी अन्य अदालत के क्षेत्राधिकार में हो. यानि कि इस मामले में बेंगलुरू में मुकदमा दर्ज किया है और आरोपी उत्तर प्रदेश के रहनेवाले हैं.

वहीं, ऐसे मामलों में पुलिस को ट्रांजिट रिमांड हासिल करना पड़ता है. ट्रांजिट रिमांड से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार, पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के स्थान से लेकर अपराध दर्ज किए जाने के स्थान तक ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड हासिल करने का दायित्व है, ताकि अनुच्छेद 22 की आवश्यकता के अनुसार आरोपी को सक्षम मजिस्ट्रेट के समक्ष उसे पेश किया जा सके.