हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि विक्टिम के ब्रेस्ट को छूने का प्रयास केवल 'गंभीर यौन हमला' का आरोप सिद्ध करता है, 'बलात्कार नहीं. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिमिलर फैसला सुनाया था, तो लोगों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी. आइये जानते हैं कि कलकत्ता ने क्यों इस घटना को रेप की जगह गंभीर यौन हमले का प्रयास माना.
कलकत्ता हाई कोर्ट एक स्पेशल पॉक्सो कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी. निचली अदालत ने आरोपी को 'गंभीर यौन हमला' और 'बलात्कार का प्रयास' दोनों के लिए दोषी पाते हुए उसे 12 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. कलकत्ता हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड पर रखे गए सबूतों को देखने के बाद कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में किसी प्रकार का प्रवेश या प्रवेश के प्रयास का कोई संकेत नहीं मिला, इसलिए 'बलात्कार के प्रयास' के आरोप को सही नहीं माना जा सकता है.