Advertisement

Gyanvapi Mosque Case: 'मस्जिद के नीचे मंदिर', ASI रिपोर्ट से मिला ये प्रमाण, जानें अब क्या होगा आगे?

वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्षों (हिंदू और मुस्लिम) को ASI सर्वे रिपोर्ट मिल गई है. सर्वे आने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट क्या मामले में क्या फैसला लेती है.

Written by My Lord Team |Published : January 26, 2024 2:46 PM IST

नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद केस में वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद एएसआई सर्वे (ASI Survey) की रिपोर्ट सामने आई है. एएसआई सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में मंदिर होने के प्रमाण मिलने का जिक्र है. ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की मदद से सर्वे करने पर मस्जिद के नीचे कई अवशेष होने के दावे है जो मंदिर के होने का अंदेशा है, जिसे तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाया गया था. बीते दिन ही वाराणसी कोर्ट ने दोनों पक्षों को हार्ड कॉपी में एएसआई सर्वे रिपोर्ट (ASI Survey Report) देने का आदेश दिया था.

क्या है ASI रिपोर्ट में?

ASI सर्वे की रिपोर्ट कुल 839 पन्ने की बताई जा रही है. यह रिपोर्ट ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 'सील बंद क्षेत्र' को छोड़, पूरे जगह सर्वे कर दिया गया. सर्वे के बाद भारतीय पुरात्तव विभाग (एएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में इस जगह पहले मंदिर होने का जिक्र है. रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान ढांचा पुराने निर्माण के ऊपर ही बनाया गया है जिसमें मस्जिद की इमारत मंदिर के पिलर पर ही बना है.

हिंदू पक्ष के वकील ये किया दावा

ASI सर्वे रिपोर्ट के बाहर आने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन कई दावे किये. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि मस्जिद बनने से पहले यहां मंदिर था. ASI सर्वे आने के बाद से हिंदू पक्ष में खुशी की लहर फैली हुई है. उनके अनुसार सर्वे रिपोर्ट से उनके दावे को सिद्ध करने में मदद मिलेगी.

Also Read

More News

मुस्लिम पक्ष ने अस्वीकार किया

मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा सर्वे में ऐसा कुछ नया नहीं है जो पिछले एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई के दौरान मौजूद थी. बस एएसआई ने इन चीजों की रिपोर्ट बनाकर दे दी है. पहले भी ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court)  में जस्टिस रंजन अग्रवाल नें मुस्लिम पक्ष के 5 याचिकाओं को खारिज कर दिया था. याचिका में टाइटल सूट (Title-Suit) के आधार पर ज्ञानवापी स्थल का दावा किया गया था. मुस्लिम पक्ष की पांच याचिकाएं में से दो  (2) सिविल वाद (Civil Case) और तीन (3)  एएसआई (ASI) सर्वे को रोकने को लेकर थी.

मामले में आगे की संभावनाओं पर गौर करें तो, दोनों पक्ष ( हिंदू और मुस्लिम) बातचीत कर आपसी सहमति से इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं जो फिलहाल मुश्किल दिखाई पड़ रहा है. वहीं, सर्वे रिपोर्ट के आने के बाद मामला हिंदू पक्ष की ओर जाता दिखाई पड़ रहा है. हालांकि, इसका निर्णय तो कोर्ट ही करेगी.