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Gyanvapi Case: हिंदू धर्म से जुड़ी सभी चीजें सुरक्षित रखें, अदालत ने सर्वे टीम से कहा

Court ने कहा कि हिंदू धर्म से जुड़ी सभी वस्तुओं को जिला मजिस्ट्रेट को सौंपें. साथ ही इनको सुरक्षित रखने का जिम्मा जिला मजिस्ट्रेट का होगा और जब भी अदालत इसकी मांग करेगी, इसे कोर्ट में पेश करना होगा.

Written by arun chaubey |Published : September 14, 2023 6:57 PM IST

Gyanvapi Case: वाराणसी की एक अदालत (Varanasi Court) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के चल रहे सर्वे के दौरान खोजी गई हिंदू धर्म से जुड़ी सभी ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वस्तुओं को जिला मजिस्ट्रेट को सौंपने का आदेश दिया. जिला अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट या उनके द्वारा नामित व्यक्ति को इन वस्तुओं की सुरक्षा करने और आवश्यकता पड़ने पर अदालत को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है.

बेंच ने कहा,

"हिंदू धर्म से जुड़ी सभी वस्तुओं को जिला मजिस्ट्रेट को सौंपें. साथ ही इनको सुरक्षित रखने का जिम्मा जिला मजिस्ट्रेट का होगा. और जब भी अदालत इसकी मांग करेगी, इसे कोर्ट में पेश करना होगा."

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ये आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट में उस याचिका पर सुनवाई से पहले आया है जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित एक मंदिर को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से एक मुकदमे की वैधता पर सवाल उठाती है. इसके अलावा, हाईकोर्ट वाराणसी अदालत के 2021 के निर्देश को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई करेगा. इसमें एक वकील के नेतृत्व में आयोग गठित करने और ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया गया था.

साइंटिफिक सर्वे से सच पता चलेगा!

ASI काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का साइंटिफिक सर्वे कर रहा है. सर्वे का उद्देश्य ये पता लगाना है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद पहले से मौजूद हिंदू मंदिर संरचना के ऊपर बनाई गई थी. ये सर्वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद शुरू किया गया था, जिसने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा था.

हाईकोर्ट ने कहा था कि ये कदम न्याय की खोज में आवश्यक है और इसमें शामिल हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए फायदेमंद हो सकता है. 8 सितंबर को, वाराणसी अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का साइंटिफिक सर्वे पूरा करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए ASI को चार और सप्ताह की अनुमति दी थी.