ज्ञानवापी केस के मूल वाद में हिंदू पक्ष को वाराणसी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. वाराणसी कोर्ट में सिविल जज सीनियर डिविजन के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही शिवलिंग वाली जगह को संरक्षित रखने का आदेश दे चुका है. वाराणसी कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी है. बता दें कि अदालत से हिंदू पक्ष ने बंद तहखाने के साथ पूरे परिसर और वजू खाने में मिले कथित शिवलिंग के सर्वे कराने की मांग की थी.
यह सर्वेक्षण हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा 17वीं सदी की मस्जिद के निर्माण के संबंध में किए गए दावे के बाद आदेशित किया गया था. याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि मस्जिद एक पूर्व-निर्मित हिंदू मंदिर की संरचना पर बनाई गई थी. जुलाई 2023 में जिला अदालत के आदेश के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण हुआ. यह सर्वेक्षण काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की संरचना की जांच के लिए किया गया था. ASI ने 18 दिसंबर को जिला अदालत में सर्वेक्षण रिपोर्ट एक सील कवर में प्रस्तुत की थी.
सिविल जज ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही शिवलिंग वाली जगह को संरक्षित रखने का आदेश दे चुका है. साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को कहा है कि सर्वे के दौरान खुदाई की इजाजत नहीं होगी. दोनों कोर्ट का निर्देश था कि सर्वे इस तरह हो कि इमारत को नुकसान न पहुंचे. नए सिरे से सर्वे की ज़रूरत क्यों है,इस पर कोई वाजिब तर्क याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश नहीं किया गया है. बता दें कि इससे पहले हुए सर्वे की रिपोर्ट पर अभी कोर्ट को गौर करना बाकी है