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Aryan Khan को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, लॉ स्टूडेंट को पड़ी फटकार

आर्यन खान को ड्रग्स मामले में मिली "क्लीन चिट" को चैलेंज करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने इसे एक पपब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन बताते हुए लॉ स्टूडेंट को फटकार लगाई है.

Written by Nizam Kantaliya |Published : December 23, 2022 11:43 AM IST

नई दिल्ली: फिल्म अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 2021 में ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो दी गयी "क्लीन चिट" को चैलेंज करने वाली जनहित याचिका (PIL) को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

हाईकोर्ट की फटकार

बॉम्बे हाईकोर्ट के एक्टिंग सीजे एसवी गंगापूरवाला Sanjay Vijaykumar Gangapurwala  की पीठ ने याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट को इस मामले में फटकार लगाते हुए भारी जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी. जिसके बाद लॉस स्टूडेंट ने अपनी याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया.हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट के अनुरोध को स्वीकार करते हुए याचिका को विड्रॉ के आधार पर खारिज करने का आदेश दिया.

लॉ स्टूडेंट ने आर्यन खान की क्लीन चिट को यह कहते हुए जनहित याचिका के जरिए चुनौती दी कि किसी मामले में क्लीन चिट देने का अधिकार एक अदालत का है ना कि किसी जांच एजेंसी का. जनहित याचिका में इस मामले में जांच एजेंसी एसीबी की क्लीन चीट को रद्द करते हुए मुकदमा जारी रखने का भी अनुरोध किया गया था.

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लोकस स्टैडाई

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने लॉ स्टूडेंट को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले में एक एजेंसी ने जांच के बाद पाया है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे. जिसके आधार पर जांच एजेंसी ने आरोपी को क्लीन चिट दी है. लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ता का क्या नुकसान हुआ है, जिसके लिए जनहित याचिका दायर की गयी है.

हाईकोर्ट ने ये भी जानना चाहा कि इस मामले में लॉ स्टूडेंट जो कि याचिकाकर्ता है उसके द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया इस मामले में कोई जनहित का मुद्दा हैं. और याचिकाकर्ता इस मामले में क्या लोकल स्टैडाई यानी उससे जुड़ाव है.

पब्लिसिटी के लिए याचिका

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने जनहित याचिका को पूर्णतया पब्लिसिटी के लिए दायर की गयी याचिका बताते हुए कहा कि "एक लॉ स्टूडेंट के तौर पर उन्हें अच्छे कारणों के लिए जनहित याचिका दायर करने का प्रयास करना चाहिए. याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट या तो हमें संतुष्ट करें, या अपने अपना मोटिव बताए या हम इस याचिका को भारी जुर्माने के साथ खारिज करते है. क्योकि यह एक पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन जैसा लगता है.

अदालत के रुख को देखते हुए लॉ स्टूडेंट की ओर से जनहित याचिका को विड्रा करने का अनुरोध किया गया. हाईकोर्ट द्वारा जनहित याचिका को विड्रा करने की अनुमति दिए जाने पर लॉ स्टूडेंट ने अपनी याचिका को वापस ले​ लिया.

NCB की क्लीन चिट

गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में आर्यन खान को ड्रग्स मामले में हिरासत में लिया गया था. जिसके बाद उन्होंने तीन हफ्ते से ज्यादा समय जेल में बिताया. मार्च 2022 में आर्यन को इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने क्लीन चिट दे दी थी. एनसीबी ने चार्जशीट में बताय़ा था कि आर्यन के खिलाफ सबूत नहीं मिले. इसे देखते हुए उन्हें क्लीन चिट दी गई थी.