मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के तीन दिन बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए है. आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 अगस्त के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका को एकल न्यायाधीश की पीठ ने खारिज कर दिया था, साथ ही जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी थी. इससे पहले ईडी मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी थी.
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आज भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे विचार कर मामले की सुनवाई के लिए एक तारीख तय करेंगे. आप प्रमुख को 26 जून, 2024 को सीबीआई ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया था, जब वह कथित शराब नीति घोटाले से उत्पन्न धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में थे. हफ्तों बाद, 12 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दे दी.
हालांकि, सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के कारण वे न्यायिक हिरासत में बने रहे। सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए और जमानत की मांग करते हुए, केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया. 5 अगस्त को, न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन जहां तक जमानत का सवाल है, उन्हें ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी गई. उच्च न्यायालय के आदेश से व्यथित होकर केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. याचिका एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड विवेक जैन के माध्यम से दायर की गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई में अरविंद केजरीवाल की से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवीं ही पेश हुए थे. उन्होंने सीबीआई द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को इंश्योरेंस के तौर पर बताया था.अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि स्पष्ट रूप से, सीबीआई न तो गिरफ्तारी करना चाहती थी, न ही ऐसा करने का इरादा रखती थी और न ही उसके पास ऐसा करने के लिए सामग्री थी. लेकिन सीबीआई को लगा कि वह दूसरे (ईडी) मामले में बाहर आ सकते हैं. इसलिए, उन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार किया.