नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद मामला (Gyanvapi Masjid Case) काफी समय से चल रहा है और इसपर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच काफी विवाद है। इस मामले में वाराणसी की एक अदालत (Varanasi Court) ने कुछ दिनों पहले यह फैसला सुनाया था कि विवादित जगह को छोड़कर पूरे परिसर का एएसआई सर्वे होगा जिससे हिंदू पक्ष बेहद खुश था। इस फैसले को मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रीतांकर दिवाकर (Justice Pritinker Diwaker) की एकल पीठ ने इस मामले में अपना फैसला रिजर्व कर लिया था और उन्होंने यह कहा था कि फैसला आज यानी 3 अगस्त, 2023 को सुनाया जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है और वाराणसी कोर्ट के फैसले को अपहोल्ड करते हुए एएसआई सर्वे को मंजूरी दे दी है। सर्वे कल से शुरू हो जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जो ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को मंजूरी दी है, कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका को मंजूर कर लिया है और यह कहा है कि मेल देखकर वो सुनवाई की तारीख तय करेंगे।
हिन्दू पक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है कि परिसर का एएसआई सर्वे जारी रहेगा। अदालत का कहना है कि आरकेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ज्ञानवापी परिसर में बिना इमारत के किसी हिस्से को नुकसान पहुंचाए सर्वे का काम कर सकता है, ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे होगा। बता दें कि यह सर्वे कल से होगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इन्तज़ामिया मस्ज़िद कमिटी की अपील को ख़ारिज किया; हिन्दू पक्ष ने वजुखाने के सील्ड इलाक़े को छोड़कर बाक़ी परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग वाराणसी ज़िला कोर्ट से की थी। ज़िला अदालत में सर्वे को मंज़ूरी दी थी लेकिन जैसे ही सर्वे शुरू हुआ, मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। हाईकोर्ट में अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिन का समय दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई आज आये फ़ैसले में हाईकोर्ट ने सर्वे की इजाज़त दे दी है।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार वाराणसी की जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता के वकील एसएफए नकवी ने विभिन्न आधार पर 21 जुलाई का आदेश रद्द करने का अदालत से अनुरोध किया है।
उनकी दलील है कि जिला अदालत ने जल्दबाजी में एएसआई को सर्वेक्षण करने का आदेश दिया और चार अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा। निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को इस आदेश को चुनौती देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया।
वहीं दूसरी ओर, प्रतिवादी पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की दलील है कि राम मंदिर मामले में एएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया गया और इसे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकार किया गया। इसलिए, निचली अदालत द्वारा पारित आदेश सही है।
आपको बता दे कि मस्जिद समिति ने पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन फिर उन्हें वहां से उच्च न्यायालय जाने का निर्देश दिया गया; सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई, 2023 को शाम 5 बजे तक के लिए एएसआई सर्वे पर रोक लगा दिया था।
बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने 25 जुलाई को उच्च न्यायालय का रुख किया था, जहां दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of Allahabad High Court) के समक्ष पेश की और फिर उन्होंने इसपर अपना फैसला सुरक्षित किया।