इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने अस्पताल में चूहों के कारण बढ़ती समस्या से जुड़े मामलों को स्वत: संज्ञान में लिया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह निर्णय 'अमर उजाला' नामक अखबार में छपी खबर को ध्यान रखते हुए लिया.
चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की बेंच ने 'अस्पताल में चूहों की बढ़ती समस्या' के मामले को स्वत: संज्ञान (Suo moto) जनहित याचिका में दर्ज करने के आदेश दिये. साथ ही कोर्ट ने मामले से जुड़े संबंधित अधिकारियों चूहों के उत्पात को नियंत्रण करने के लिए उठाए गए कदम की जानकारी भी प्रस्तुत करने को कहा है.
अमर उजाला में 17 जनवरी, 2023 के दिन एक खबर प्रकाशित हुई, जिसमें प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (SRN Hospital) में चूहों की संख्या इस कदर बढ़ी हुई कि वे अस्पताल में रखे दवाओं से लेकर अन्य वस्तुओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं. खबर में अस्पताल के मुख्य अधीक्षक (Chief Superintendent) डॉ अजय सक्सेना के वक्तव्य का भी जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि तमाम प्रयासों के बावजूद चूहों से उत्पन्न हो रहे खतरे को रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन लगातार प्रयासरत है.
रिपोर्ट में एसआरएन (SRN) अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डॉ. अजय सक्सेना के बयान का भी हवाला दिया गया. डॉ सक्सेना ने स्वीकार किया कि सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद खतरा अभी भी कायम है. इससे निपटने के लिए विकल्प तलाशे जा रहे हैं.
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इस बात का जिक्र किया है कि अगर यह समाचार सही है, तो चूहें अस्पताल में आने वाले और पहले से भर्ती हुए मरीजों के लिए एक बड़ा 'संभावित खतरा' है.
मामले पर सुनवाई करने के दौरान जब कोर्ट ने पूछा, कि " मामले में क्या निर्देश हैं?" तो इस सवाल के जबाव में एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कहा कि अस्पताल में चूहे की समस्या को कम करने के लिए एक हाउसकीपिंग एजेंसी को आउटसोर्स किया गया, जो चूहों को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
मामले में अगली सुनवाई 12 फरवरी, 2024 को होगी.