Sambhal Jama Masjid: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल जामा मस्जिद में रंग रोगन यानि मस्जिद पेंट कराने की मांग में आज दूसरे दिन सुनवाई की. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज एएसआई की रिपोर्ट देखने के बाद आगे की सुनवाई की. एएसआई ने कहा कि मस्जिद में मरम्मत की जरूरत हैं लेकिन उसे रमजान के बाद भी किया जा सकता है. हलांकि, मस्जिद कमेटी ने इससे आपत्ति जाहिर की है. पेंट कराने के मसले पर एएसआई ने बताया कि इनेमल पेंट की स्थिति अच्छी है. इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को अपना जबाव यानि रिज्वाइंडर मंगलवार तक पेश करने को कहा है.
ASI ने अपनी रिपोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया है कि मस्जिद के रंगरोगन की ज़रूरत नहीं है. कोर्ट में मस्जिद कमेटी के वकील से पूछा कि क्या वो इस रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति दाखिल करना चाहते है! कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक मरम्मत की ज़रूरत है, वो आप रमजान के बाद भी कर सकते है.
मस्जिद कमेटी के वकील ने कहा कि हम तो मस्जिद का रंग रोगन की मांग कर रहे है.
कोर्ट: पर ASI ने अपनी रिपोर्ट में रंगरोगन की ज़रूरत के बारे में कुछ नहीं कहा है.
मस्जिद कमेटी के वकील ने कहा कि ASI का ये निष्कर्ष गलत है. मस्जिद कमेटी के वकील ने आगे कहा कि आपने ASI को मना किया था कि उन्हें सुरक्षा के साथ जाने की ज़रूरत नहीं है, पर इसके बावजूद ASI की टीम के साथ SDM गए.
कोर्ट ने इस पर ऐतराज जाहिर करते हुए ASI से कहा कि हमने सिर्फ तीन सदस्य कमेटी को जाने को कहा था, बाकी के जाने की ज़रूरत नहीं है.
साफ सफाई कराने को कोर्ट ने कहा कि रंगाई पुताई की अनुमति कोर्ट ने नहीं दी है. मंगलवार को asi से साफ सफाई कराने के बाद रिपोर्ट देने को कहा, मस्जिद कमेटी के वकील से हाईकोर्ट ने आपत्ति पर लिखित जवाब दाखिल करने को कहा है.
ASI टीम के अवलोकन के अनुसार इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में एएसआई ने दावा किया कि उक्त आधुनिक इनेमल पेंट अभी भी अच्छी स्थिति में है और इसे फिर से रंगने की कोई जल्दी नहीं लगती है. हालाँकि, स्मारक के बाहरी हिस्से में पेंट के उखड़ने के कुछ निशान हैं, लेकिन इस स्थिति को फिलहाल तुरंत मरम्मत की आवश्यकता नहीं है. पूरा स्मारक अच्छी स्थिति में है, हालांकि प्रवेश द्वार पर और प्रार्थना कक्ष के पीछे और उत्तरी भाग में स्थित कक्षों में कुछ गिरावट के संकेत दिखते हैं. मस्जिद का मुख्य प्रवेश द्वार निरीक्षण में सामने आया कि मस्जिद कमेटी ने पहले भी कई मरम्मत और पुनरुद्धार कार्य किए हैं, जिससे ऐतिहासिक संरचना में कई बदलाव हुए हैं. मस्जिद की फर्श को पूरी तरह से टाइल्स और पत्थरों से बदल दिया गया है. इसके अलावा, मस्जिद के अंदरूनी हिस्से में सुनहरे, लाल, हरे और पीले रंग की मोटी तामचीनी पेंट की गई है, जिससे मूल सतह ढक गई है.