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Delhi High Court ने AAP पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, महिला कर्मचारी को Maternity Benefits नहीं देने से जुड़ा है मामला

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर संविदा पर बहाल महिला कर्मचारी को मेटरनिटी बेनिफिट्स देने के फैसले को चुनौती देने पर 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है.

Written by My Lord Team |Published : March 14, 2024 8:49 PM IST

Maternity Benefits: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के रवैये से नाराजगी दिखाते हुए 50000 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. दिल्ली सरकार पर यह कार्रवाई महिला कर्मचारी को मातृत्व के दौरान मिलने वाले लाभ को देने वाले फैसले को चुनौती देने पर हुई. महिला कर्मचारी दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में स्टेनोग्राफर के पद पर थी. नौकरी उन्हें कॉन्ट्रैक्चुअल बेसिस पर मिली थी. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार को 50 हजार रूपये महिला कर्मचारी देने का आदेश दिया है.

घटना के पीछे का वाक्या

दिल्ली हाईकोर्ट में  सरकार ने सिंगल-जज बेंच के फैसले को  चुनौती दी है. 6  अक्टूबर, 2023 के दिन, सिंगल-जज बेंच ने संविदा महिला कर्मचारी को 26 सप्ताह की समयावधि के लिए मातृत्व के दौरान मिलनेवाली सुविधाएं देने के आदेश दिए थे. बता दें कि, महिला ने उपभोक्ता निवारण आयोग में करीब 5 साल तक स्टेनोग्राफर के पद पर रहीं. सिंगल जज बेंच  ने महिला को दोबारा से पद पर बहाल करने की मांग को खारिज किया था.

Delhi High Court ने क्या कहा? 

जस्टिस रेखा पल्ली और शालिंदर कौर की डिवीजन बेंच ने मामले को सुना. सरकार ने सिंगल-जज बेंच के फैसले को चुनौती दी है. बेंच ने कहा कि जब राज्य में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत राजधानी की सभी महिलाओं को 1000 रूपये देने की बात कर रही है. इसका बड़े पैमाने पर प्रचार कर रही है. वहीं, इस महिला कर्मचारी को लाभ देने के बजाय, उस फैसले को चुनौती दे रही हैं. 

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बेंच ने कहा,

“वास्तव में, हम आश्चर्यचकित हैं कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, जो दिल्ली में महिलाओं के हित को बढ़ावा देने का भरपूर प्रचार कर रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत करदाताओं को छोड़कर शहर की सभी वयस्क महिलाओं को ₹1,000/- की मासिक राशि पेंशन देने की बात कर रहें हैं, उन्होंने उस आदेश का विरोध करने का विकल्प चुना है जो एक युवा महिला को अधिनियम के तहत लाभ प्रदान करता है, जिसने  दिल्ली राज्य उपभोक्ता फोरम में 5 वर्षों तक सेवा दी है.”

बेंच ने आगे कहा, 

"इसलिए, हमें अपीलकर्ता की दलील में कोई योग्यता नहीं मिली है."

मेटरनिटी से जुड़ा कानून क्या कहता है?

मातृत्व अवकाश को आम प्रचलन में मैटरनिटी लीव कहते हैं. ये लीव महिलाओं को बच्चे के जन्म और शुरूआती दिनों की देखभाल के लिए दी जाती हैं. मौजूदा कर्मचारी होने के साथ-साथ पिछले साल 80 दिन से ज्यादा काम करने वाली महिलाएं, कंपनी द्वारा इस लाभ को पाने की पात्रता रखती हैं.मैटरनिटी लीव में महिलाओं को अवकाश के दौरान वेतन देने का प्रावधान है.

बेंच ने दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज करते हुए महिला कर्मचारी को 50 हजार रूपये देने के आदेश दिये हैं.