वाशिंगटन: 26/11 मुंबई हमले के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा ने अमेरिकी अदालत द्वारा हाल ही में पारित आदेश जिसके तहत उसके भारत प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हुआ था, को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है.
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, तहव्वुर राणा (62) ने अपने वकील के जरिये बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका दायर करते हुए भारत सरकार द्वारा उसके प्रत्यर्पण को चुनौती दी है. उसके वकील ने तर्क दिया कि राणा का प्रत्यर्पण अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि का दो तरह से उल्लंघन होगा.
आपको बता दे कि यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया ने 26/11 के मुंबई हमले के आरोपी राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. राणा पर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता का आरोप है, जिसे लेकर भारत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है.
गौरतलब है कि भारत ने 10 जून 2020 को प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
यहां बता दे कि अदालती सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा को पता था कि उसका बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल था, और हेडली की सहायता करके और उसकी गतिविधियों के लिए उसे कवर देकर, वह आतंकवादी संगठन और उसके सहयोगी का समर्थन कर रहा था.
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी. इसके बाद राणा को गिरफ्तार किया गया और अब वह लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है.
भारत में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच कर रहा है.
इन हमलों के दौरान अजमल कसाब नामक आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई. बाकी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने हमलों के दौरान ढेर कर दिया था. मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिक सहित कुल 166 लोगों की जान गई थी.