नई दिल्ली: Enforcement Directorate (ED) ने एक एजेंसी के रूप में धन शोधन रोधी कानून के तहत कुछ मौजूदा मुख्यमंत्रियों, शीर्ष राजनेताओं, नौकरशाहों, व्यापारिक समूहों, कॉरपोरेट जगत के लोगों, विदेशी नागरिकों सहित अन्य नामी हस्तियों के खिलाफ जांच कर रही है. हाल ही में ED ने 31 जनवरी 2023 तक तीन कानूनों के तहत हुई कार्रवाई के आकड़े जारी किए हैं.
विपक्षी दलों की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद ED ने 31 जनवरी 2023 तक दर्ज केसों के बारे में जानकारी साझा की है. ED द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार विधायक, पूर्व विधायक, MLC, सांसद, पूर्व सांसदों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलो की संख्या 176 है, जो उसके अनुसार कुल दर्ज हुए मामलों का सिर्फ 2.98% है.
ED ने एक एजेंसी के रूप में धन शोधन रोधी कानून के तहत कुछ मौजूदा मुख्यमंत्रियों, शीर्ष राजनेताओं, नौकरशाहों, व्यापारिक समूहों, कॉरपोरेट जगत के लोगों, विदेशी नागरिकों सहित अन्य नामी हस्तियों के खिलाफ जांच कर रही है.हाल ही में Enforcement Directorate ने 31 जनवरी 2023 तक तीन कानूनों के तहत हुई कार्रवाई के आकड़े जारी किए हैं.
ED द्वारा दर्ज किए गए कुल 5,906 केसों में 1,142 में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं, जबकि 513 लोगों को गिरफ्तार किया गया.चार्जशीट दाखिल किए गए केसों में से 25 केस में ट्रायल पूरा हो चुका है.
25 में से 24 केसों में आरोपी दोषी ठहराए गए हैं, जबकि एक में आरोपी को बरी कर दिया गया है. ED के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत के तहत इन 24 केसों में 45 आरोपी दोषी पाए गए हैं.
ED के अनुसार, इन दोषसिद्धियों के मामलों में 36.23 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जबकि अदालत ने दोषियों के खिलाफ 4.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.
ED के अनुसार PMLA कानून आने के बाद से 31 जनवरी 2023 तक कुल 5,906 केस दर्ज किए गए हैं. इनमें से सिर्फ 2.98% यानी 176 केस विधायक, पूर्व विधायक, MLC, सांसद, पूर्व सांसदों के खिलाफ दर्ज किए गए.
इस कानून के तहत मौजूदा और पूर्व सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों के खिलाफ कुल 176 मामले दर्ज किए है. जो कि अब तक दर्ज की गई कुल 5,906 शिकायतों का 2.98 प्रतिशत है.
ED ने FEMA के तहत इस साल जनवरी के अंत तक कुल 33,988 मामले दर्ज कर चुका है वही इन मामलों में से 16,148 मामलों में जांच पूर्ण कर चुका है. अब तक दर्ज हुए कुल मामलों में से 2.98 प्रतिशत मामले ही मौजूदा या पूर्व सांसदों तथा विधायकों से जुड़े हुए है.
फेमा के तहत कुल 8,440 कारण बताओ नोटिस (जांच पूरी होने के बाद) जारी किए गए, जिनमें से 6,847 पर फैसला सुनाया गया.
ED ने Fugitive Economic Offenders Act, 2018 (FEOA) यानी आर्थिक अपराधी भगोड़ा अधिनियम के तहत 15 लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई, जिनमें से नौ को अदालतों द्वारा अब तक आर्थिक अपराधी भगौड़ा घोषित किया जा चुका है.
इस कानून के तहत अब तक करीब 862.43 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई.
वर्ष 2018 में FEOA कानून को लागू करने के तुरंत बाद ही इस अधिनियम की पहली कार्रवाई के रूप में प्रवर्तन निदेशालय यानी Enforcement Directorate- ED ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की लगभग 329.66 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त की.
यह देश में पहली बार ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम’ के तहत किसी संपत्ति को ज़ब्त किया गया था.