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आपके खिलाफ Money Laundering का मामला क्यों ना शुरू किया जाए? National Herald Case में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया-राहुल गांधी से पूछा

राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान क्यों न लिया जाए.

सोनिया गांधी, राहुल गांधी

Written by Satyam Kumar |Published : May 4, 2025 3:55 PM IST

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गांधी परिवार सहित अन्य आरोपियों से यह बताने को कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान क्यों न लिया जाए.

पिछले सप्ताह विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने ईडी की अभियोजन शिकायत पर तत्काल नोटिस जारी करने से इनकार करते हुए कहा था कि एजेंसी को आवश्यक दस्तावेज पेश करने और खामियों को दूर करने की जरूरत है. जब अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपियों को सुने बिना भी चार्जशीट पर संज्ञान लिया जा सकता है, तो न्यायाधीश ने कहा कि जब तक संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक मैं ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकता. इसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 2 मई तय की.

ईडी ने हाल ही में नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की है., चार्जशीट में कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य नाम भी शामिल हैं. आरोप है कि कांग्रेस नेतृत्व ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों का दुरुपयोग करते हुए सार्वजनिक ट्रस्ट की संपत्ति को निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया.

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नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और अन्य कांग्रेस नेताओं ने की थी. इसका उद्देश्य कांग्रेस के उदारवादी विचारों को आवाज देना था. एजेएल द्वारा प्रकाशित यह अखबार आजादी की लड़ाई और उसके बाद के वर्षों में कांग्रेस के लिए अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का एक अहम माध्यम था. इसके साथ ही एजेएल हिंदी और उर्दू में भी अखबार प्रकाशित करता था, साल 2008 में करीब 90 करोड़ रुपए के कर्ज के चलते इसका प्रकाशन बंद हो गया.

यह मामला 2012 में सामने आया, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में शिकायत दाखिल कर कांग्रेस नेताओं पर धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप लगाया. स्वामी के अनुसार, यंग इंडियन लिमिटेड ने एजेएल की संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और उसे निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी हिस्सेदार हैं. ईडी ने जांच में पाया कि गांधी परिवार द्वारा लाभान्वित यंग इंडियन ने केवल 50 लाख रुपए में एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्तियां हासिल कीं, जबकि उनकी बाजार कीमत कहीं अधिक थी. नवंबर 2023 में ईडी ने करीब 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां और 90.2 करोड़ रुपए के एजेएल शेयरों को जब्त किया, जिन्हें कथित तौर पर अपराध की आय माना गया है.