हाल ही में केन्द्र सरकार ने जस्टिस मनमोहन की सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के बाद न्यायमूर्ति विभु बाखरू को दिल्ली हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है.विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह नियुक्ति न्यायमूर्ति मनमोहन के पद छोड़ने की तिथि से प्रभावी होगी. न्यायमूर्ति बाखरू की कानूनी पृष्ठभूमि बहुत अच्छी है और वे 2013 से इस जज के रूप में कार्यरत हैं.
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति दिल्ली हाईकोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति विभु बाखरू को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त करते हैं. यह नियुक्ति दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन के भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने के फलस्वरूप उनके पद का प्रभार छोड़ने की तिथि से प्रभावी होगी.
संविधान का अनुच्छेद 223 राष्ट्रपति को किसी भी अपर न्यायाधीश को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने का अधिकार देता है, जब किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त हो या जब कोई ऐसा मुख्य न्यायाधीश अनुपस्थिति या अन्य कारण से अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हो.
1966 में नागपुर में जन्मे जस्टिस बाखरू ने दिल्ली में पढ़ाई की, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में छात्र के रूप में दाखिला लिया और 1985 में ठाकुर वडियानाथायन एंड कंपनी के साथ अपने लेखन की शुरुआत की. शुरूआती शिक्षा के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम (ऑनर्स) स्नातक करने के बाद उन्होंने 1989 में चार्टर्ड अकाउंटेंसी की परीक्षा पास की. साल 1990 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की और उसी वर्ष दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में एनरोल हुए.
सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट, कंपनी लॉ बोर्ड और कई अन्य न्यायाधिकरणों में प्रैक्टिस करते हुए उन्हें 17 अप्रैल, 2013 को हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश और 18 मार्च, 2015 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.
जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त करने के बाद केन्द्र ने जस्टिस विभु बुखारी को दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के तौर पर नामित किया है.