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वकीलों को ड्रेस कोड में ढ़ील देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार, कहा-आप कुर्ता-पजामा पहनकर बहस नहीं कर सकते

सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को ड्रेस कोड में छूट देने की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि आपको कुर्ता-पजामा या टीशर्ट पहनकर बहस करने की छूट नहीं दी जा सकती है.

कोर्ट रूम में बहस करता एक वकील (सांकेतिक चित्र)

Written by Satyam Kumar |Published : September 18, 2024 5:57 PM IST

Supreme Court: आज सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को ड्रेस कोड में छूट देने की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि आपको कुर्ता-पजामा या टीशर्ट पहनकर बहस करने की छूट नहीं दी जा सकती है. अदालत ने वकीलों से सुझाव मांगते हुए कहा कि आप ही कोई ऐसा सुझाव दे जिससे अदालत की डेकोरम बना रहे. सुप्रीम ने उक्त टिप्पणी के साथ इस फैसले को खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता ने ड्रेस कोड में राहत देने की मांग करते हुए कहा कि वकीलों का परिधान अभी ब्रिटिश मौसम के अनुकूल है.

आप कुर्ता-पजामा में नहीं कर सकते बहस

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको गाउन पहनने से पहले ही छूट दी जा सकी है, लेकिन आपको कुछ तो पहनना पड़ेगा. आप कुर्ता-पजामा या टी-शर्ट पहनकर बहस नहीं कर सकते हैं. डेकोरम को बनाए भी रखना  जरूरी है. आप ही सुझाए कि क्या पहनकर बहस करेंगे.

इस दौरान सीजेआई ने मौसम की अनुकूलता के प्रश्न पर भी जवाब दिया कि देश में राजस्थान का मौसम बेंगलुरू से बिल्कुल उलट है और अदालत का डेकोरम बनाए रखने के लिए आपको उचित ड्रेस कोड जरूरी है.

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याचिका में और क्या-क्या मांग की गई थी?

एडवोकेट शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ड्रेस कोड में बदलाव को लेकर निर्देश देने की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि काले कोट का प्रावधान ब्रिटिश मौसम के अनुसार है, ये परिधान वहां के मौसम के अनुकूल है लेकिन भारत का मौसम अलग है, अत: एडवोकेट एक्ट, 1961 में सुझाए गए ड्रेस कोड में बदलाव की अनुमति दें.

याचिकाकर्ता ने ड्रेस कोड में बदलाव की मांग की. पारंपरिक परिधान की जगह भारतीय मौसम के अनुकूल ड्रेस कोड तय करने आग्रह किया. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अभी का ड्रेस कोड ब्रिटिश तर्ज पर है, जो वहां के मौसम के अनुसार फिट है, लेकिन भारत में भीषण गर्मियों के बीच इसे पहनने में बेहद कठिनाई होती है.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया कि वे 'स्टेट बार काउंसिल' को भी निर्देश जारी करें, जिसमें उन्हें गर्मियों के महीने तय करें, उस समयावधि में उन्हें काले कोट से राहत मिल सकें.