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कड़ी धूप में काले कोट से क्या वकीलों को मिलेगी राहत? ड्रेस कोड में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

याचिकाकर्ता ने कहा, कड़ी धूप में वकीलों को काले रंग का कोट पहनने से परेशानी होती है. न्यायालय वकीलों के पारंपरिक परिधान (काले कोट) में बदलाव कर भारतीय मौसम के अनुकूल तय करें.

(सौजन्य से: X)

Written by Satyam Kumar |Published : May 28, 2024 3:39 PM IST

Advocate's Dress Code: सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के ड्रेस कोड में बदलाव को रिट याचिका दायर की गई. याचिका में ड्रेस कोड के नियमों में बदलाव कर मौसम के अनुकूल ड्रेस कोड तय करने के निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने ड्रेस कोड और एडवोकेट एक्ट, 1961 के नियमों में बदलाव की बात कहीं. याचिकाकर्ता ने कहा, कड़ी धूप में वकीलों को काले रंग का कोट पहनने से परेशानी होती है. न्यायालय वकीलों के पारंपरिक परिधान (काले कोट) में बदलाव कर भारतीय मौसम के अनुकूल तय करें.

याचिका में और क्या-क्या?

याचिकाकर्ता ने ड्रेस कोड में बदलाव की मांग की. पारंपरिक परिधान की जगह भारतीय मौसम के अनुकूल ड्रेस कोड तय करने आग्रह किया. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अभी का ड्रेस कोड ब्रिटिश तर्ज पर है, जो वहां के मौसम के अनुसार फिट है, लेकिन भारत में भीषण गर्मियों के बीच इसे पहनने में बेहद कठिनाई होती है.

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया कि वे 'स्टेट बार काउंसिल' को भी निर्देश जारी करें, जिसमें उन्हें गर्मियों के महीने तय करें, उस समयावधि में उन्हें काले कोट से राहत मिल सकें.

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राइट टू सेफ वर्क प्लेस का अधिकार

याचिकाकर्ता ने सेफ वर्क प्लेस के अधिकार का जिक्र भी किया.

एडवोकेट ने कहा,

"हर किसी को सेफ कंडीशन में काम करने का अधिकार है. वकीलों को गर्मियों में भारी काले कोट पहनने से उनके काम करने की स्थिति असुविधाजनक हो जाती है. यह सेफ वर्कप्लेस के उनके अधिकार का उल्लंघन करता है."

एडवोकेट शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ड्रेस कोड में बदलाव को लेकर निर्देश देने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि काले कोट का प्रावधान ब्रिटिश मौसम के अनुसार है, ये परिधान वहां के मौसम के अनुकूल है लेकिन भारत का मौसम अलग है, अत: एडवोकेट एक्ट, 1961 में सुझाए गए ड्रेस कोड में बदलाव की अनुमति दें.